रहन-सहन के स्तर पर क्या बोले भागवत?

feature-top
संघ प्रमुख मोहन भागवत ने राजस्व को समान रूप से वितरित किए जाने पर भी ज़ोर दिया. उन्होंने कहा, "उद्योगों को सरकार से प्रोत्साहन मिलना चाहिए. सरकार को नियामक की तरह काम करना चाहिए, उसे ख़ुद अपना कारोबार नहीं करना चाहिए. सरकार को विकास के लिए ज़रूरी वस्तुओं के निर्माण के लिए उद्योगों से अपील करना चाहिए. उन्हें ऐसी नीतियां बनानी चाहिए जो उद्योगों को प्रोत्साहित करे." "हम पूरी तरह से राष्ट्रीयकरण में विश्वास नहीं करते लेकिन सच यह भी नहीं है कि देश का उद्योगों से कोई लेना देना भी नहीं है. इन सभी को एक पारिवारिक इकाई के रूप में साथ काम करना चाहिए." "लघु उद्योग को बड़े उद्योगों का पूरक होना चाहिए. उनका फ़ोकस जनकेंद्रित बनने का होना चाहिए न कि मुनाफ़ा केंद्रित. आर्थिक इकाई को एक परिवार मानने से अर्थव्यवस्था को रोज़गार पैदा करने में मदद मिलेगी." इस दौरान संघ प्रमुख ने यह भी कहा कि आपके जीवन यापन का स्तर इस बात से नहीं तय होना चाहिए कि आप कितना कमाते हैं बल्कि इससे तय होना चाहिए कि आप समाज को वापस कितना देते हैं.
feature-top