तालिबान राज: भारत ने संयुक्त राष्ट्र में कहा, लश्कर-जैश की पनाहगाह नहीं बने अफगानिस्तान

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भारत ने मंगलवार को संयुक्त राष्ट्र में उम्मीद जताई कि तालिबान के शासन वाला अफगानिस्तान पड़ोसी देशों के लिए चुनौती नहीं बनेगा और लश्कर-ए-ताइबा व जैश-ए-मोहम्मद जैसे प्रतिबंधित आतंकी संगठनों की पनाहगाह साबित नहीं होगा। साथ ही भारत ने काबुल में अफगान समाज के सभी वर्गों को प्रतिनिधित्व देने वाली समावेशी और व्यापक आधार वाली व्यवस्था की वकालत की।

 उधर, अफगानिस्तान में तालिबान को काबिज होने के लिए परदे के पीछे से मदद करने वाले पाकिस्तान ने अब अपने नापाक इरादे खुलेआम जाहिर कर दिए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की करीबी और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की नेता नीलम इरशाद शेख ने एक लाइव टीवी डिबेट में घोषणा की कि तालिबान हमें कश्मीर जीतकर देगा। नीलम ने कहा, तालिबान ने कहा है कि वह हमारे साथ है और हमें कश्मीर में मदद करेगा।

उधर, अफगानिस्तान में तालिबान को काबिज होने के लिए परदे के पीछे से मदद करने वाले पाकिस्तान ने अब अपने नापाक इरादे खुलेआम जाहिर कर दिए हैं। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की करीबी और उनकी पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) की नेता नीलम इरशाद शेख ने एक लाइव टीवी डिबेट में घोषणा की कि तालिबान हमें कश्मीर जीतकर देगा। नीलम ने कहा, तालिबान ने कहा है कि वह हमारे साथ है और हमें कश्मीर में मदद करेगा।

भारत के लिए बढ़ीं चुनौतियां 

जिनेवा में भारत के स्थायी यूएन प्रतिनिधि पांडे ने कहा, 'अफगानिस्तान का पड़ोसी होने के नाते वहां के बदलते हालात भारत के लिए गंभीर चिंतन का विषय है। हम तेजी से बदल रहे सुरक्षा हालातों पर करीबी निगाह रखे रहे हैं। साथ ही संबंधित पक्षों से कानून व्यवस्था बनाए रखने, सभी अफगान नागरिकों, संयुक्त राष्ट्र के जवानों व राजनयिक कर्मचारियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने और हर हालात में मानवाधिकार व अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार कानूनों का ध्यान रखने की अपील कर रहे हैं..


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