छत्तीसगढ़ : राज्य महिला आयोग ने 20 प्रकरणों पर सुनवाई की

feature-top

रायपुर। राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष डॉ. किरणमयी नायक ने सदस्य श्रीमती अनीता रावटे की उपस्थिति में शास्त्री चौक स्थित आयोग कार्यालय में आज 20 प्रकरणों की सुनवाई किया गया। जिसमें से आज सुनवाई के दौरान एक प्रकरण में पक्षकारों को पिछले सुनवाई में दस्तावेज सहित उपस्थित होने के निर्देश दिए गए थे। जिसमें आवेदिका ने विगत माह में स्कूल में अपनी उपस्थिति बाबत ऑनलाइन क्लास की मोबाइल स्क्रीन शार्ट की प्रति जमा किया है।यह सीजी पोर्टल एवं वेबमेक्स में पंजीकृत है।इसी तरह अनावेदक ने अपना जांच प्रतिवेदन विगत माह का प्रस्तुत किया,जो हाई स्कूल के छात्रों से पांच सौ रुपये वसूली का है। इसमें संस्था के प्रभारी द्वारा पांच सौ रुपये प्रति छात्र वसूली करने की बात भी उल्लेखित है। आयोग द्वारा आवेदिका से पूछे जाने पर आवेदिका ने अपने स्कूल का नाम दूसरा बताया और कहा की प्रधान अध्यापक भी दूसरा है। जिसे अनावेदक ने स्वीकार किया कि जो दस्तावेज उन्होंने दिया है वह आवेदिका के स्कूल से सम्बंधित नही है।इस प्रकरण पर आवेदिका के पति को भी सुना गया उन्होंने बताया कि वार्ड के पार्षद और पूर्व पार्षद ने गरीब छात्रों से पांच सौ रुपए की वसूली किया था।इस तरह की शिकायत पर डीईओ की कार्यालय से कोई कार्यवाही नही की गई तथा मंत्री जी की निर्देश पर जांच के लिए पहुचे थे। आयोग के समक्ष आवेदिका के पति ने आरोप लगाया है कि इस तरह के वसूली का रैकेट अनावेदक द्वारा किया जाता है। जिस पर अनावेदक ने इन आरोपों को इंकार किया है। आयोग द्वारा अनावेदक को पांच सौ रुपए वसूली के दोषी के खिलाफ किये गए कार्यवाही के बारे में पूछा। जिस पर अनावेदक ने कहा कि अपना रिपोर्ट बडीईओ को भेज दिया है और डीईओ ने हाई स्कूल के प्रभारी प्राचार्य को छात्रों को पैसा वापिस करने को निर्देशित किया है। आयोग द्वारा अनावेदक को पूछे जाने पर अनावेदक ने यह स्वीकार किया कि हाई स्कूल के प्रभारी के खिलाफ कार्यवाही होनी चाहिए थी,जो अब तक नही किया गया है। आयोग ने पाया कि प्रकरण वास्तव में भ्रष्टाचार और गम्भीर अनियमितता का प्रकरण है और अनावेदक की स्वीकारोक्ति पर यदि दोषी पर अब तक कोई कार्यवाही नही की गई है तो और भी गम्भीर कार्यवाही बनता है। इस प्रकरण की गम्भीरता को देखते हुए जिला शिक्षा अधिकारी को उपस्थित कराने आयोग द्वारा निर्देशित किया गया है। इस प्रकरण का अगले सुनवाई में निराकरण किया जा सकता है।


feature-top