उद्धव सरकार ने हाईकोर्ट से कहा, नारायण राणे के ख़िलाफ़ नासिक एफ़आईआर में नहीं करेंगे कार्रवाई

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महाराष्ट्र सरकार बंबई उच्च न्यायालय से कहा है कि वो केंद्रीय मंत्री नारायण राणे के विरुद्ध मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे पर विवादित टिप्पणी को लेकर नासिक में दर्ज मामले में कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं करेगी.

बुधवार को दो न्यायाधीशों की एक पीठ ने नारायण राणे की याचिका पर सुनवाई की जिसमें उन्होंने नासिक में दर्ज एफ़आईआर और आगे हो सकने वाले सभी मामलों को ख़ारिज करने की माँग की थी.

राणे ने अदालत से गिरफ़्तारी से बचने के लिए अंतरिम ज़मानत भी माँगी थी. सुनवाई में महाराष्ट्र सरकार की ओर से पेश होते हुए वरिष्ठ वकील अमित देसाई ने कहा कि नासिक के एफ़आईआर के सिलसिले में 17 सितंबर तक कोई दंडात्मक कार्रवाई नहीं की जाएगी जब इस मामले की अगली सुनवाई होनी है.

हालाँकि, देसाई ने कहा कि दूसरे मामलों के लिए ये राहत नहीं दी जा सकती क्योंकि याचिका में केवल नासिक के एफ़आईआर का उल्लेख किया गया है.

अदालत ने इसपर सहमति दी और सुनवाई के लिए अगली तारीख़ 17 सितंबर तय कर दी.

नारायण राणे को मंगलवार दोपहर को रत्नागिरी ज़िले में आरएसएक के पूर्व प्रमुख गोलवलकर के गाँव में गिरफ़्तार किया गया था.

इसके बाद उन्हें रायगढ़ पुलिस को सौंप दिया गया जो उन्हें महाड़ लेकर गई. मंगलवार देर रात महाड की एक अदालत ने राणे को ज़मानत दे दी.

हाईकोर्ट में आज की सुनवाई के बाद नारायण राणे ने कहा कि बॉम्बे हाईकोर्ट में शिव सेना की ओर से उनके ख़िलाफ़ दायर सभी मुक़दमों में उनकी जीत हुई है जो इस बात का संकेत है कि देश क़ानून से चलता है.


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