अफ़ग़ानिस्तान: तालिबान से बातचीत के लिए तैयार जर्मनी

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जर्मनी की चांसलर एंगेला मर्केल ने कहा है कि जर्मनी तालिबान के साथ बात करने के लिए तैयार हैं ताकि पिछले 20 सालों में जो हासिल हुआ है उसकी हिफ़ाज़त की जा सके. हालांकि उन्होंने कहा है कि वो तालिबान के साथ किसी तरह के बिना शर्त समझौते के लिए तैयार नहीं होंगे. जर्मनी की संसद को संबोधित करते हुए मर्केल ने कहा कि वो सेना और स्टाफ़, जिन्होंने जर्मनी के लिए "जब तक ज़रूरत थी, काम किया", उन्हें बाहर निकालना जारी रखेंगे. साथ ही उन्होंने कहा कि वो संयुक्त राष्ट्र की संस्थाओं को मानवीय मदद करने में सहयोग करते रहेंगे, ताकि अफ़ग़ानिस्तान से भागकर पड़ोसी देश पहुंचे लोगों की मदद की जा सके. उन्होंने बताया कि जर्मन सेना ने 4,600 से ज़्यादा लोगों को अफ़ग़ानिस्तान से निकाला है, ये उनका अभी तक का सबसे बड़ा एयरलिफ़्ट ऑपरेशन है. उन्होंने कहा कि "बचे हुए दिनों में जर्मनी उन लोगों को सुरक्षा मुहैया कराने में मदद करेगा, जिन्होंने हमारी मदद की है." मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन ने कहा था कि अमेरिकी लोगों को अफ़ग़ानिस्तान से बाहर निकालने की 31 अगस्त की समय सीमा को बढ़ाया नहीं जाएगा. फ्रांस ने कहा है कि वो अपना बचाव अभियान को गुरुवार को ख़त्म कर देगा. तालिबान के कब्ज़े के कारण चरमपंथ की बढ़ती संभावनाओं पर मर्केल ने कहा, "ये नया सच कड़वा है लेकिन हमें इसका सामना करना पड़ेगा." "एक बात जिसका हमें बिल्कुल अंदाज़ा नहीं था, वो ये है कि कितनी तेज़ी से अफ़ग़ान सेना तालिबान से हार मान लेगी, या फिर उन्हें रोकने की कोशिश भी नहीं की जाएगी."
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