अफ़ग़ानिस्तान: पूर्व ब्रितानी राजनयिक बोले- बदला नहीं है तालिबान

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15 अगस्त को अफ़ग़ानिस्तान की राजधानी काबुल पर कब्ज़ा करने के बाद तालिबान ने कहा है कि महिलाओं के प्रति उनके रवैये में बदलाव आया है.

 माना जा रहा है कि अंतरराष्ट्रीय समुदाय में तालिबान अपनी सरकार के लिए मान्यता चाहता है और दुनिया के सामने अपनी एक नई छवि पेश करना चाहता है.

लेकिन ब्रिटेन के सेवानिवृत सैन्य और राजनयिक ने कहा है कि ऐसा नहीं है.

साल 2017 से 2019 के बीच अफ़ग़ानिस्तान के लिए ब्रिटेन के दूत रह चुके सर निकोलस के ने स्थानीय रेडियो से कहा, "मुझे नहीं लगता कि तालिबान बदला है.

उन्होंने कहा, "आप मानें न मानें एक तरह की उनकी सोच और अपनी धार्मिक आस्था पर उनका दृढ़ विश्वास उनकी ताकतों में से एक है. वो जो कुछ भी कर रहे हैं वो सही है, इसका उन्हें पूरा विश्वास है."

वहीं साल 2006 से 2009 तक चीफ़ ऑफ़ जनरल स्टाफ रह चुके जनरल लॉर्ड रिचर्ड डैनेट कहते हैं, "मैं इस बात को लेकर अधिक आशावादी नहीं हूं कि हमें दो दशकों के बाद एक नया और बदला हुआ तालिबान देखने को मिलेगा."

वहीं ब्रिटेन के प्रधानमंत्री बोरिस जॉनसन ने रविवार को कहा है कि तालिबान के साथ वो चर्चा करेंगे लेकिन इस आधार पर नहीं कि वो क्या हैं,

बल्कि इस आधार पर कि वो क्या करते हैं. उन्होंने कहा कि अगर तालिबान चाहता है कि उसकी सरकार को मान्यता मिले तो उसे देश छोड़ कर जाना चाह रहे लोगों को सुरक्षित बाहर निकलने का रास्ता देना होगा और देश को आतंक की फैक्ट्री बनने से बचाना होगा.

 


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