चीन BRI में अफ़ग़ानिस्तान के साथ बढ़ाएगा सहयोग

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अफ़़ानिस्तान में तालिबान के कब्ज़े के बाद से वैश्विक स्तर पर भी कई तरह के बदलाव स्पष्ट तौर पर सामने आ रहे हैं. तालिबान के कब्ज़े के बाद से चीन की स्थिति भी बेहद महत्वपूर्ण हो गई है. चीन,रूस और पाकिस्तान उन चंद देशों में शामिल हैं जिन्होंने तालिबान के कब्ज़े के बाद भी काबुल में अपने दूतावास खुले रखे हैं. अफ़गानिस्तान में चीनी राजदूत वांग यु ने हाल ही में तालिबान के अधिकारियों के साथ पहली कूटनीतिक वार्ता भी की थी. चीन ने अफ़गानिस्तान पर तालिबान के क़ब्ज़े के कुछ ही दिनों बाद सार्वजनिक रूप से कहा था कि वो तालिबान के साथ दोस्ताना संबंध विकसित करना चाहता है. चीनी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता वांग वेनबिन ने प्रेस कॉन्फ़्रेंस में अफ़ग़ानिस्तान से जुड़े सवालों का जवाब दिया है. रूस की समाचार एजेंसी स्पूतनिक ने अल-जज़ीरा का हवाला देते हुए पूछा कि तालिबान ने पंजशीर प्रांत में हमले शुरू करने का फ़ैसला किया है. उस पर चीन की क्या टिप्पणी है और इसका अफ़ग़ानिस्तान की स्थिति पर क्या प्रभाव पड़ेगा? साथ ही उनसे पूछा गया कि क्या भारत में होने वाले 13वें ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अफ़ग़ानिस्तान की स्‍थिति पर देशों के बीच बातचीत होगी? इसके जवाब में वांग वेनबिन ने कहा कि चीन इस बात की उम्मीद करता है कि अफ़ग़ानिस्तान में सभी पक्ष अफ़ग़ान लोगों की उम्मीदों और अंतरराष्ट्रीय समुदाय की अपेक्षा के अनुरूप, परामर्श करके मतभेदों को हल करने की कोशिश करें और एक स्थिर अफ़ग़ानिस्तान को सुनिश्चित करें ताकि युद्ध की मार झेले इस देश में जल्द से जल्द शांत स्थापित की जा सके.


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