एडसमेटा कांड की न्यायिक जांच हुई पूरी

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आठ साल पहले पुलिस गोलीबारी में 11 लोग मरे थे वाकया साल 2013 का है। बस्तर के नक्सल प्रभावित एडसमेटा गांव के पास सुरक्षा बलों की गोलीबारी में तीन बच्चों और सहित 11 ग्रामीणों की जान चली गई थी। सीआरपीएफ कोबरा बटालियन का एक जवान भी शहीद हुआ। पुलिस ने इसे नक्सली मुठभेड़ बताया। ग्रामीणों का आरोप था, वे गांव की देवगुडी में बीज पंडुम मनाने के लिए एकत्र हुए थे। इसी दौरान फोर्स वहां पहुंची और गोली चला दी। तत्कालीन सरकार ने इसकी जांच लिए न्यायिक आयोग का गठन किया। जांच प्रक्रिया 6 महीने में पूरी होनी थी, लेकिन इसे समय-समय पर बढ़ाया जाता रहा। बाद में इसकी सीबीआई जांच भी हुई।
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