हत्यारा ठहराए जाने के 36 वर्ष बाद दोषी ने किया नाबालिग होने का दावा

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सुप्रीम कोर्ट के सामने एक अनूठा मामला आया है। हत्या के एक मामले में दोषी घोषित हो चुके एक शख्स ने वारदात के 40 साल और दोषसिद्धि के 36 साल बाद अब खुद को नाबालिग बताते हुए सजा कम करने की अपील की है। उम्रकैद के सजायाफ्ता याचिकाकर्ता का कहना है कि वारदात के समय वह नाबालिग था और इसके चलते उसे अधिकतम 3 साल की सजा मिलनी चाहिए।

56 वर्षीय याचिकाकर्ता ने नाबालिग होने का दावा इलाहाबाद हाईकोर्ट में 35 साल बाद दोषसिद्धि के खिलाफ दायर अपनी अपील खारिज होने के बाद किया है।

दोषी ठहराए जा चुके आरोपी ने इतने लंबे समय बाद अपने नाबालिग होने का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट के उस आदेश के आधार पर उठाया है, जिसमें शीर्ष अदालत ने कहा था कि कोई भी आरोपी नाबालिगा होने का मुद्दा किसी भी समय उठा सकता है।


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