टेनिस में नई ताजगी - एमा औऱ लेलाह

लेखक: संजय दुबे

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आम तौर पर अन्य खेलों की तरह टेनिस खेल में अनुभव की महत्ता से इंकार नहीं किया जा सकता है। पुरुषों में तो तीन चार अनुभवी के बीच मे ही पिछले दो दशक से प्रतिस्पर्धा जारी है। फेडरर,नडाल,जोकोविच ही अमूमन अंतिम चार में होते है। महिला जगत में सेरेना विलियम्स के युग के समाप्त होने के बाद फिलहाल कोई भी महिला खिलाड़ी का वर्चस्व नही बन पाया है।हर ग्रैंड स्लैम में नई विजेता खड़ी हो जाती है। एक का नाम ठीक से याद नही हो पाता है कि दूसरी विजेता बन जाती है। इस बार के अमेरिकी ओपन ग्रैंड स्लैम में तो दो किशोरियों का जादू चला। सालो बाद ऐसा हुआ कि दो किशोरियां अनुभवी खिलाड़ियों को नाकों चने चबाने के बाद आमने सामने हो गयी। एक कनाडा की सनसनी तो दूसरी ब्रिटेन की तूफान। दोनो के फाइनल में आमने सामने होने पर ये अंदाज़ा लगाया जाना कठिन था कि विजेता कौन बनेगा लेकिन सारे अनुमानों को धता बता कर 19वे साल में कदम रखने वाली एमा ने ब्रिटेन के लिए वर्जिनिया वेड के बाद 44 साल के अंतराल के बाद ग्रैंड स्लैम के रूप में अमेरिकी ओपन स्पर्धा के कप को अपने नाम कर लिया।एमा को मुख्य ड्रा में आने से पहले क़्वालिफाई राउंड खेलना पड़ा था। इसके बाद के अगले 7 दौर में एमा ने किसी भी खिलाड़ी को तीसरे सेट तक जाने नही दिया। फाइनल में कनाडा की सनसनी लेलाह को भी सीधे सेट में 6-4 6-3 से हरा कर 22 साल बाद दो टीनएज के फाइनल का रिप्ले किया। 1999 के अमेरिकी ओपन में ही सेरेना विलियम्स( 17 साल) ने मार्टिना हिंगिस(18 साल) को हराया था। टेनिस जगत में केवल 7 अवसर ऐसे आये है जिसमे फाइनल में पहुँचने वाले दोनो महिला खिलाडियो की उम्र टीन एज की थी। 1988 में स्टेफी ग्राफ(18) ने अमेरिकी ओपन में गैब्रिएला सबातीनी(18) और फ्रेंच ओपन में नतालिया जेरेजोवा (17) को 6-0,6-0 से हराया था। 1989 में साचेंज विकारियो(17) ने स्टेफी ग्राफ(19 ) को फ्रेंच ओपन में हराया था। 1991 के फ्रेंच ओपन में मोनिका सेलेश(17) ने साचेंज विकारियो(19) को पराजित किया था। 1997 के फ्रेंच ओपन में मजोली(19) ने मार्टीना हिंगिस(16) को हराया तो इसी साल के अमेरिकी ओपन में हिंगिस (16) ने वीनस विलियम्स(17) में हराया था। 1999 में ऑस्ट्रेलियन ओपन में हिंगिस(18) ने मौरेस्मो(19) औऱ इसी साल के अमेरीकी ओपन में सेरेना(17) ने हिंगिस(18) को हराकर दो टीन एज खिलाड़ियों के फाइनल का सफर तय किया था। इस कड़ी में इसी साल ड्राइविंग लाइसेंस पाने वाली दो खिलाड़ियों ने अपना नायाब खेल दिखाया है। एमा के बराबर ही लेलाह ने भी शानदार खेल दिखाया लेकिन वे उपविजेता ही बन पाई। उनके भी फाइनल तक का सफर अद्भुत ही था। दोनो खिलाड़ी समान रूप से बधाई के पात्र है।


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