नरेंद्र गिरि की संदिग्ध मौत, एक उलझी पहेली

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अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष और प्रयागराज स्थित बाघंबरी मठ के महंत नरेंद्र गिरि की उनके आवास पर संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई है. उनका शव प्रयागराज के अल्लापुर स्थित बांघबरी गद्दी मठ के एक कमरे में मिला है. प्रयागराज रेंज के पुलिस महानिरीक्षक केपी सिंह ने मीडिया को बताया कि ख़बर मिलते ही पुलिस अधिकारी मौके पर पहुंच गए. आईजी केपी सिंह के मुताबिक, "फ़िलहाल यह आत्महत्या का मामला लग रहा है. फ़ोरेंसिक टीम को घटनास्थल पर बुलाया गया है. सभी पहलुओं से जांच की जा रही है." प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ समेत कई नेताओं ने उनके निधन पर शोक जताया है.

सुसाइड नोट में क्या?

पुलिस ने बताया है कि नरेंद्र गिरि के शव के पास से चार-पाँच पन्नों का एक कथित सुसाइड नोट मिला है जिसकी जाँच की जा रही है. प्रयागराज के आईजी केपी सिंह ने मीडिया से बातचीत में दावा किया कि पहली नज़र में यह आत्महत्या का मामला लगता है. उन्होंने कहा, ''नरेंद्र गिरि के पास से जो सुसाइड नोट मिला है वो काफ़ी मार्मिक है. उन्होंने लिखा है कि वो आश्रम के कुछ साथियों से काफ़ी दुखी थे.'' केपी सिंह के मुताबिक नरेंद्र गिरि ने लिखा है कि वो जिस दिन से आश्रम में आए, हमेशा इसे आगे ले जाने के लिए काम किया. सुसाइड नोट में लिखा है कि उन्होंने आश्रम का एक पैसा भी इधर-उधर नहीं किया. सुसाइड नोट के मुताबिक़ नरेंद्र गिरि ने लिखा है कि 'मैं सम्मान के जीता था और सम्मान के लिए ही आत्महत्या कर रहा हूँ.'

आरोप और माफ़ी

आनंद गिरि ने राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री और गृहमंत्री को पत्र भेजकर अखाड़े के विवाद की जानकारी दी थी और आरोप लगाया था कि शहर मठ की ज़मीनों को निजी स्तर पर बेचा जा रहा है. उन्होंने मठ की संपत्तियों और आमदनी की जांच की भी मांग की थी. हालांकि इस मामले में देश भर के तमाम साधु संतों ने महंत नरेंद्र गिरि का ही समर्थन किया था. बाद में आनंद गिरि ने माफ़ी भी मांग ली थी लेकिन उनका निष्कासन वापस नहीं किया गया था. अभी कुछ हफ़्ते पहले ही अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के नाम से बने फ़र्जी अकाउंट से कई विवादित ट्वीट किए गए थे जिसे लेकर महंत नरेंद्र गिरि ने दारागंज थाने में अज्ञात लोगों के ख़िलाफ़ मुक़दमा दर्ज कराया था. बाघंबरी मठ के महंत के नाते स्थानीय लोगों के अलावा राजनीतिक दलों के नेताओं का भी उनके यहां आना-जाना था. प्रयागराज आगमन पर तमाम बडे़ नेता और मशहूर लोग संगम स्थित हनुमान जी के दर्शन करने और उनसे मिलने ज़रूर आते थे. रविवार को भी उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य ने मंदिर जाकर उनसे आशीर्वाद लिया था.


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