दलित बच्चे के मंदिर जाने और पिता पर जुर्माना लगाने का क्या है पूरा मामला

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कर्नाटक के कोप्पल ज़िले के डिप्टी कमिश्नर ने ये बात उन गांव वालों के लिए कही जिन्होंने मंदिर जाने वाले दो साल के दलित बच्चे के पिता पर 25,000 रुपये का जुर्माना लगाया था. उस पिता की 'ग़लती' यही थी कि जब वे अपने बेटे के जन्मदिन पर मंदिर के बाहर प्रार्थना कर रहे थे, उनका बेटा दौड़कर मंदिर के भीतर चला गया था. और उससे भी ज़्यादा बड़ी ग़लती उसका दलित होना था. बच्चे के पिता चंद्रू ने पत्रकारों से कहा, "हम वहां प्रार्थना कर रहे थे, उस वक़्त हलकी बूंदा-बांदी हो रही थी. मैंने अपने बेटे को फौरन ही पकड़ लिया. लेकिन 11 सितंबर को एक सार्वजनिक बैठक में गांव के बड़े लोगों ने कहा कि मुझे मंदिर के अभिषेक और शुद्धिकरण के लिए पैसा देना चाहिए. मुझे अकेले में ले जाकर 25,000 से 30,000 रुपये देने के लिए कहा गया."
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