किसान आंदोलन: मोदी सरकार का विपक्ष पर निशाना

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कांग्रेस नेता अनिल चौधरी सोमवार को दिल्ली-उत्तर प्रदेश की सीमा ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर अपने समर्थकों के साथ सड़क पर थे.

चौधरी कांग्रेस के कई दूसरे नेताओं की तरह संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से बुलाए गए 'भारत बंद' के प्रति समर्थन जताने आए थे.

किसान मोर्चा ने तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में जारी आंदोलन के एक साल पूरा होने पर भारत बंद का एलान किया था.

चौधरी जब सड़क पर धरना देने के लिए बैठे तो ग़ाज़ीपुर बॉर्डर पर मौजूद किसानों ने उनसे गुजारिश की कि वो 'दिल्ली लौट जाएं.'

एक किसान नेता ने कहा, "ठीक है आप समर्थन कर रहे हैं. हमारे मंच पर आकर मीडिया का आप जो लाभ लेना चाह रहे हैं... प्लीज़ आपसे रिक्वेस्ट है, आप खड़े हो जाइए. आपका पूरा सम्मान है."

विपक्ष का समर्थन 

दूसरे आंदोलनों में ऐसे उदाहरण कम ही मिलते हैं कि कोई संगठन या नेता समर्थन देने आया हो और आंदोलनकारियों ने उसे वापस लौटा दिया हो.

लेकिन, बीते एक साल से जारी किसान आंदोलन के दौरान ऐसे उदाहरण पहले भी कई बार दिखे हैं. कुछ अपवादों को छोड़ दिया जाए तो किसान आंदोलन के नेताओं की कोशिश रही है कि राजनीतिक दलों के नेता और कार्यकर्ता उनके मंच से दूर रहें.

हालांकि, किसान नेताओं के बयानों और उनके आंदोलन को लगातार राजनीति से जोड़कर देखा जाता रहा है. आंदोलन के तहत भारत बंद के एलान के बाद से ही देश के कई विपक्षी दलों ने इसके समर्थन की बात कही.


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