किसानों के कंधे पर बंदूक'

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उधर, केंद्र की सत्ताधारी भारतीय जनता पार्टी ने भी किसान आंदोलन और भारत बंद को लेकर विपक्ष को निशाने पर लिया.

केंद्रीय मंत्री और भारतीय जनता पार्टी के सीनियर नेता मुख्तार अब्बास नक़वी ने आरोप लगाया कि कुछ नेता किसानों के जरिए अपने राजनीतिक हित साधना चाहते हैं.

स्थानिय मिडीया के अनुसार नक़वी के हवाले से कहा, " असल में कुछ राजनीतिक दल किसानों के ट्रैक्टर पर बैठकर अपनी ऊसर ज़मीन की जुताई में लगे हुए हैं. उनको लगता है कि किसानों के ट्रैक्टर पर बैठकर ऊसर हो गई ज़मीन को वो उपजाऊ बना लेंगे."

उन्होंने आगे कहा, "इसे कहते हैं किसानों के कंधे पर बंदूक और क्रिमिनल कॉन्सप्रेसी का संदूक. किसानों के मुद्दे का जहां तक प्रश्न है, हमारी सरकार ने कभी भी टकराव का रास्ता नहीं अपनाया, टॉक का रास्ता अपनाया. बातचीत का रास्ता अपनाया."

केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने भी किसानों के साथ बातचीत की पेशकश की और आंदोलन को राजनीति से दूर रखने की सलाह दी.

तोमर ने कहा, "किसान आंदोलन का राजनीतिकरण नहीं होना चाहिए. किसान सभी के हैं. सरकार ने किसानों के संगठन के साथ बेहद संवेदनशील तरीके से बात की है और आगे भी ऐसा करने को तैयार है."

सरकार के दावों के उलट किसान संगठनों का कहना है कि 'किसान तैयार हैं लेकिन सरकार बातचीत की कोशिश नहीं कर रही है.'


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