योगी आदित्यनाथ लखीमपुर हिंसा पर डैमेज कंट्रोल करने में कामयाब रहे या फिर...?

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पिछले सोमवार से लेकर इस सोमवार के बीच की जिन दो घटनाओं ने उत्तर प्रदेश की राजनीति में जो हलचल मचाई है, उससे अंदाज़ा हो रहा है कि आने वाले दिनों में राजनीतिक गहमागहमी कितनी तेज़ी से बढ़ेगी.

इस गहमागहमी के केंद्र में हैं उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ. पहला वाक़या पिछले सोमवार की रात उनके गृह जनपद गोरखपुर के एक होटल में कानपुर के एक कारोबारी की पुलिस की कथित पिटाई से हुई मौत से जुड़ा था. रामगढ़ताल थाने के प्रभारी, गोरखपुर के पुलिस अधीक्षक और ज़िलाधिकारी की भूमिका पर सवालिया निशान लगे.

ऐसी पृष्ठभूमि के बीच योगी आदित्यनाथ दो दिन की यात्रा पर गोरखपुर पहुंचे थे. कानपुर के व्यापारी की मौत के बाद की स्थितियों को उन्होंने बड़ी तेज़ी से संभाला था. उन्होंने व्यापारी की पत्नी को सरकारी नौकरी और 40 लाख रुपये की मदद की घोषणा करके विपक्ष को इसे मुद्दा नहीं बनाने दिया.

हालांकि ज़िले के पुलिस अधीक्षक और ज़िलाधिकारी का समझौता कराने की कोशिशों वाला वीडियो होने की वजह से उम्मीद की जा रही थी कि इन अधिकारियों पर भी कार्रवाई होगी, लेकिन वह नहीं हुआ.


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