कर्ज में डूबी एयर इंडिया को पटरी पर लाने के लिये काफी प्रयास की जरूरत - रतन टाटा

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टाटा ग्रुप ने 68 साल बाद फिर से एयर इंडिया पर कब्जा कर लिया, लेकिन उनके लिए यह राह आसान नहीं होगी. टाटा ने एक बयान में कहा, ‘‘टाटा समूह का एयर इंडिया के लिये बोली जीतना बड़ी खबर है.’’ उन्होंने यह स्वीकार किया कि कर्ज में डूबी एयर इंडिया को पटरी पर लाने के लिये काफी प्रयास की जरूरत होगी, लेकिन यह जरूर है कि टाटा समूह के विमानन उद्योग में मौजूदगी को यह मजबूत बाजार अवसर उपलब्ध कराएगी.’’

सरकार ने शुक्रवार को कहा कि टाटा संस की विशेष उद्देश्यीय इकाई (एसपीवी) ने एयर इंडिया के अधिग्रहण के लिये स्पाइसजेट प्रवर्तक अजय सिंह की अगुवाई वाले समूह को पीछे छोड़ते हुए सफल बोली लगायी है. इसके साथ एयर इंडिया टाटा के पास वापस चली गयी है. टाटा ने एयरलाइन की स्थापना की थी. बाद में इसका राष्ट्रीयकरण कर दिया गया था. टाटा ने कहा, ‘‘…एक समय जे आर डी टाटा के नेतृत्व में एयर इंडिया ने दुनिया की सबसे प्रतिष्ठित एयरलाइनों में से एक होने की प्रतिष्ठा प्राप्त की थी.’’ उन्होंने कहा कि टाटा को उस छवि और प्रतिष्ठा को फिर से हासिल करने का अवसर मिलेगा जो उसने पूर्व में हासिल की थी. टाटा ने कहा, ‘‘ जे आर डी टाटा अगर आज हमारे बीच होते तो बहुत खुश होते.’’ उन्होंने निजी क्षेत्र के लिए चुनिंदा उद्योगों को खोलने के लिए सरकार को धन्यवाद दिया.


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