छत्तीसगढ से मानसून हुआ विदा , मानसून सीजन में 3 प्रतिशत कम बरसात

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प्रदेश में सक्रिय दक्षिण-पश्चिम मानसून आज विदा हो गया। शनिवार को मानसूनी तंत्र सरगुजा क्षेत्र से पीछे हटना शुरू हुआ था। अगले तीन दिनों में वह बस्तर होकर प्रदेश की भौगोलिक सीमाओं के बाहर चला गया। इस बार समय से पहले आया मानसून का मौसम चार महीनों से अधिक समय तक बना रहा।

मानसून सीजन में 3 प्रतिशत कम बरसात 

प्रदेश में एक जून से 30 सितम्बर तक 1108 मिली मीटर औसत बरसात दर्ज हुई है। इन चार महीनों में प्रदेश की सामान्य औसत वर्षा 1142 मिली मीटर मानी जाती है। इस बार की बरसात सामान्य से 3 प्रतिशत कम है। प्रदेश के 4 जिले सरगुजा, जसपुर, रायगढ़ और कांकेर जिले में सामान्य से कम बरसात है। बाकी सभी जिलों में 19 प्रतिशत अधिक या 19 प्रतिशत कम के बीच रहे हैं। इसे सामान्य माना जाता है। प्रदेश में कुल वर्षा के दिनों की औसत संख्या 56 दिन रही।

जून में हुई सबसे ज्यादा बारिश मौसम विभाग के मुताबिक जून के महीने में सामान्य वर्षा 193.5 मिली मीटर है, जबकि प्रदेश में 244.4 मिलीमीटर वर्षा दर्ज की गई। सामान्य से 26 प्रतिशत अधिक रहा। इस अवधि में 21 जिले अधिक एक्सेस तथा 6 जिले सामान्य से कम की स्थिति में थे 

अगस्त में कम हुई बरसात

अगस्त में प्रदेश में कुल वर्षा 797.5 मिली मीटर रही। सामान्य तौर पर इस महीने तक 933.2 मिमी बरसात होती रही है। केवल अगस्त महीने में सामान्य वर्षा 364 मिमी होती है, लेकिन इस बार केवल 221.5 मिमी पानी बरसा। यह सामान्य वर्षा का केवल 60.8 प्रतिशत रहा। अगस्त तक प्रदेश में औसत सामान्य बरसात 15 प्रतिशत कम रही। तब तक 1 जिले हैं एक्सेस, 14 जिले सामान्य तथा 12 जिले सामान्य से कम स्थिति में रहे। 

सितंबर में कुछ दिनों तक भारी बरसात सितंबर में कुल 310 मिलीमीटर वर्षा हुई है। वहीं सामान्य में 208.9 मिलीमीटर वर्षा होती रही है। जो सामान्य से 48.5 प्रतिशत अधिक रहा। इस अवधि में 25 जिले सामान्य तथा 2 जिले सामान्य से कम वर्षा की स्थिति बने रहे। सितंबर के अंत तक केवल चार जिले सामान्य से कम की स्थिति में रहे। अक्टूबर में भी कुछ जिलों में मामूली बरसात हुई है। 


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