भारत अर्थव्यवस्था को राजकोषीय मजबूती के रास्ते पर लाने के लिए प्रतिबद्ध: निर्मला सीतारमण

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केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से कहा कि भारत सरकार ने 2025-26 तक राजकोषीय घाटे को कम कर 4.5 प्रतिशत पर लाने का लक्ष्य रखा है और अर्थव्यवस्था को वित्तीय रूप से मजबूती के रास्ते पर लाने के लिए पूरी तरह से प्रतिबद्ध है. सीतारमण ने अंतर्राष्ट्रीय मौद्रिक और वित्तीय समिति को संबोधित करते हुए कहा कि भारत सरकार जरूरत पड़ने पर सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों (पीएसबी) को अतिरिक्त पूंजी प्रदान करने के लिए तैयार है और मुद्रास्फीति भी अपेक्षा से अधिक नीचे जा रही है. वित्त मंत्री अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष और विश्व बैंक की वार्षिक बैठक में हिस्सा लेने वाशिंगटन आयी हैं. उन्होंने कहा कि अर्थव्यवस्था में मदद करने के लिए निकट अवधि में एक उदार राजकोषीय रुख बनाए रखा जा रहा है और सरकार निकट-से-मध्यम अवधि में अर्थव्यवस्था को वित्तीय मजबूती के रास्ते पर लाने के लिए प्रतिबद्ध है. सीतारमण ने कहा, "केंद्र सरकार के राजकोषीय घाटे को चालू वर्ष में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 6.8 प्रतिशत पर रखा गया है और यह 2025-26 तक कम होकर जीडीपी के 4.5 प्रतिशत तक हो जाएगा. अगले साल के बजट में मध्यम अवधि के वृहद आर्थिक अनुमान और संशोधित राजकोषीय उत्तरदायित्व और बजट प्रबंधन अधिनियम शामिल होंगे."
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