शोध से निष्कर्ष: क्या हॉरर चलचित्र देखने से व्यक्ति की नकारात्मकता में प्रचंड वृद्धि होती है ?

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भयदायक चलचित्र’ देखने से केवल भावनात्मक परिणाम नहीं होता, अपितु सूक्ष्म स्पंदनों के स्तर पर होने वाले भयंकर परिणामों का हमें भान भी नहीं होता। सूर्यास्त के उपरांत अनिष्ट शक्तियों का प्रभाव वातावरण पर अधिक होने के कारण उस समय ऐसे चलचित्र देखना अधिक संकटदायी होता है।
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