भारत के साथ विवाद के बीच चीन ने सीमा सुरक्षा को लेकर बनाया क़ानून

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भारत के साथ चल रहे सीमा विवाद के बीच चीन ने अपनी सरहदों की सुरक्षा को और मजबूत बनाने के लिए शनिवार को एक नया क़ानून पारित किया है.

चीन के इस नए क़ानून को तालिबान के नियंत्रण वाले अफ़ग़ानिस्तान के हालात और दक्षिणपूर्वी एशिया से कोरोना महामारी को खुद को रखने की कोशिश के तौर पर भी देखा जा रहा है.

स्थानीय मीडिया के मुताबिक़ चीन का ये नया सीमा क़ानून अगले साल एक जनवरी से लागू होने वाला है. हालांकि अभी इस बात को लेकर तस्वीर साफ़ नहीं है कि इस क़ानून का सीमा सुरक्षा के इंतज़ाम के तौर तरीकों पर क्या असर पड़ेगा.

तालिबान की सत्ता में वापसी के बाद अफ़ग़ानिस्तान के हालात पर चीन लगातार नज़र बनाए हुए है. उसे इस बात की भी आशंका है कि अफ़ग़ान शरणार्थियों के साथ-साथ शिनजियांग प्रांत के वीगर मुसलमानों से ताल्लुक रखने वाले इस्लामी चरमपंथी सरहद पार कर उसकी तरफ़ आ सकते हैं.

भारत के साथ लगने वाली सीमा पर अप्रैल, 2020 से ही चीनी और भारतीय सैनिकों के बीच तनाव की स्थिति बनी हुई है. वियतनाम और म्यांमार से अवैध रूप से सीमा पार करने वाले लोगों की वजह से चीन के सामने कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों से निपटने की भी चुनौती है.

पिछले 72 सालों के इतिहास में चीन में ये पहला मौका है जब सीमा सुरक्षा के प्रबंधन को लेकर चीन ने कोई क़ानून पारित किया है. 14 देशों के साथ उसकी 22 हज़ार किलोमीटर लंबी सीमा लगती है.


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