कश्मीर में सेना के ऑपरेशन का बीसवां दिन, चरमपंथियों का सुराग़ नहीं

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जम्मू और कश्मीर के पुंछ सेक्टर में छुपे हुए चरमपंथियों की तलाश में चल रहा सैन्य अभियान आज बीसवें दिन में पहुंच गया.

पाकिस्तान की सीमा से लगे पुंछ और राज़ौरी ज़िलों के जंगलों में भारतीय सेना सघन तलाशी अभियान चला रहा है. यहां हुए दो अलग-अलग एनकाउंटर में नौ भारतीय सैनिकों की मौत हो चुकी है.

पूंछ के मेंढर के भट्टी दूरियां और सुरानकोटे और नज़दीक ही राजौरी के राजामंडी इलाक़ों में भारतीय सेना ने 11 अक्तूबर को अभियान शुरू किया था.

24 अक्तूबर को भारतीय जेल में बंद एक पाकिस्तानी चरमपंथी की भी मौत हो गई थी. सेना का कहना है कि कोट भलावल सेंट्रल जेल में बंद क़ैदी को इलाक़े की पहचान के लिए ले जाया गया था और इस दौरान चरमपंथियों ने सेना के दल पर हमला कर दिया जिसमें क़ैदी की मौत हो गई.

अभी तक सेना और चरमपंथियों के बीच दो बार मुठभेढ़ हुई है. पहली बार 11 अक्तूबर को सुरानकोटे और दूसरी बार 14 अक्तूबर को थानामंडी इलाक़े में एनकाउंटर हुआ था.

इन मुठभेड़ों में भारतीय सेना को दो जेसीए (जूनियर कमिश्नंड अधिकारी) समेत नौ जवानों की मौत हुई है.

पांच की मौत सुरानकोटे में और चार की मौत मेंढर में हुई थी. 24 अक्तूबर को भट्टी दूरियां में हुई गोलीबारी के बाद से चरमपंथियों और सेना के बीच कोई गोलीबारी नहीं हुई है.

सेना और पुलिस ने संयुक्त अभियान में चरमपंथियों का एक ठिकाना खोज निकाला जहां से एके-47 राइफल बरामद हुई. यहां से जूतों और कंबल के अलावा खाने-पीने की चीज़ें भी मिली थीं.

सेना के अधिकारियों का कहना है कि जंगल में छुपे हुए चरमपंथी परिस्थितियों का फ़ायदा उठाकर बच निकल रहे हैं. उन्हें जंगल घना होने की वजह से खोजने में मुश्किलें आ रही हैं.

जंगल के समूचे क्षेत्र की नाकेबंदी कर ली गई है और चरमपंथियों को मारने या पकड़ने का अभियान जारी है.

अधिकारियों का कहना है कि जंगल में कुछ जगह धुआं उठता दिखा था जिसकी वजह गोलीबारी से सूखी घास का जलना था. खोजी दलों ने इस आग को बुझा दिया है.

अधिकारियों का कहना है कि चरमपंथियों की मदद करने के आरोप में दो महिलाओं समेत 12 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है. इन पर रहने की जगह और खाने का सामान मुहैया कराने के आरोप हैं.

सेना के अभियान की वजह से मेंढर के भिंबर गली और जेरा वाली गली इलाक़ों के बीच यातायात पिछले पंद्रह दिनों से बंद है. हाल के महीनों में राजौरी और पुंछ ज़िलों में पाकिस्तान की तरफ़ से घुसपैठ के मामले बढ़े हैं. सेना का कहना है कि जून के बाद से अब तक 9 चरमपंथी मारे जा चुके हैं.


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