बारबडोस की प्रधानमंत्री बोलीं, द्वीपीय देशों के लिए मृत्युदंड जैसी है 2 डिग्री की बढ़ोतरी

feature-top

ब्रिटेन के ग्लासगो में जारी सीओपी26 में अलग-अलग देश अपने आपको जलवायु परिवर्तन से होने वाले ख़तरों से दुनिया को अवगत करा रहे हैं.

 इनमें से कई देश ऐसे हैं जो कि जलवायु परिवर्तन की वजह से पैदा हो रहे ख़तरों के चलते अस्तित्व संकट झेल रहे हैं.

 बारबडोस की प्रधानमंत्री मिया मोटली ने बताया है कि द्वीपीय देश जलवायु परिवर्तन के चलते बढ़ते समुद्री जलस्तर और गंभीर पर्यावरणीय घटनाओं जैसे समुद्री तूफान आदि का ख़तरा झेल रहे हैं.

उन्होंने कहा, "हम 1.5 डिग्री सेल्सियस पर जी सकते हैं लेकिन दो डिग्री हमारे लिए मृत्युदंड की तरह है. हम ये मृत्युदंड नहीं चाहते हैं और यहां यही कहने के लिए आए हैं कि ‘ज़्यादा कोशिश’ की जाए.


feature-top