- Home
- टॉप न्यूज़
- अन्य
- भारत का धर्मसंकट ,जलवायु बचाए तो खड़ा होगा रोजगार संकट, कैसे पूरा करेगा कार्बन उत्सर्जन घटाने का लक्ष्य
भारत का धर्मसंकट ,जलवायु बचाए तो खड़ा होगा रोजगार संकट, कैसे पूरा करेगा कार्बन उत्सर्जन घटाने का लक्ष्य
भारत के केंद्रीय ऊर्जा प्राधिकरण ने पहले ही 2030 तक यह लक्ष्य दे दिए हैं. इनके अनुसार 2019 में हम गैर-जीवाश्म ईंधन से 134 गीगावाट बिजली बना रहे थे, जो 2030 तक 522 गीगावाट तक बढ़ाई जाएगी.
सेंटर की संस्थापक सुनीता नारायण कहती हैं कि पहले ही भारत के सामने अपने लाखों गरीब नागरिकों की ज़रूरतें पूरी करने की चुनौती है, हमें इस प्रकार की प्रतिबद्धता देने की जरूरत नहीं थी. विकसित देशों को इस बारे ज्यादा योगदान देना चाहिए. दूसरी ओर हमें 2070 तक कार्बन में नेट जीरो उत्सर्जन हासिल करने के लिए अपने ऊर्जा क्षेत्र को भी बड़े बदलाव से गुजारना होगा.
साल 2030 तक गैर जीवाश्म ईंधन की क्षमता 500 गीगावाट
भारत के केंद्रीय ऊर्जा प्राधिकरण ने पहले ही 2030 तक यह लक्ष्य दे दिए हैं. इनके अनुसार 2019 में हम गैर-जीवाश्म ईंधन से 134 गीगावाट बिजली बना रहे थे, जो 2030 तक 522 गीगावाट तक बढ़ाई जाएगी। इसमें सौर ऊर्जा से 280 और पवन ऊर्जा से 140 गीगावाट उत्पादन होगा। 2030 तक ही हमें कुल 2,51,800 करोड़ यूनिट बिजली की ज़रूरत होगी जो 2019 में 1,37,600 करोड़ यूनिट थी। इसके लिए कुल 817 गीगावॉट क्षमता से हासिल करनी होगी.
ऐसे हासिल होंगे लक्ष्य
50% बिजली अक्षय ऊर्जा से : 2019 में देश जरूरत की 9.2 फीसदी बिजली अक्षय ऊर्जा स्रोतों से बना रहा था। इसे 2030 तक 50 फीसदी तक लाना होगा। 630 गीगावाट क्षमता देश को अक्षय ऊर्जा की हासिल करनी होगी।
कोयले पर निर्भरता घटेगी : 2019 में 228 गीगावाट क्षमता के साथ 63 फीसदी बिजली कोयले से बन रही थी। 2030 तक कोयले पर निर्भरता 56 फीसदी रह जाएगी।
About Babuaa
Categories
Contact
0771 403 1313
786 9098 330
babuaa.com@gmail.com
Baijnath Para, Raipur
© Copyright 2019 Babuaa.com All Rights Reserved. Design by: TWS