केंद्र सरकार ने बदले नियम, कंपनियां ग्राहकों को बताएंगी प्रति यूनिट कीमत

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साढ़े तीन किलो का चावल का पैक और 88 ग्राम बिस्किट का पैकेट खरीदने वाले ग्राहकों को क्या ये पता चल पाता है कि वे जो खरीद रहे हैं, वो असल में सस्ता है या महंगा?

केंद्र सरकार ने ग्राहकों की इस मुश्किल को हल करने का रास्ता खोज लिया है.

अगले साल अप्रैल से ग्राहकों को ये पता लगाने में मुश्किल नहीं होगी कि वे जो खरीद रहे हैं कि उसकी प्रति यूनिट कीमत क्या होगी.

यानी ग्राहक ये जान पाएंगे कि एक ग्राम चावल या बिस्किट की कीमत पड़ रही है.

इसके लिए केंद्रीय उपभोक्ता मंत्रालय ने लीगल मेट्रोलॉजी (पैकेज्ड कमोडिटीज़) रूल्स, 2011 में संशोधन किया है.

इस बदलाव के लागू होने के बाद अब कंपनियों को पैकेज्ड उत्पादों पर प्रति यूनिट सेल प्राइस बताना होगा.

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मीडीया को बताया, "एक किलो से ज़्यादा वजन वाले उत्पादों को प्रति किलो की दर से कीमत बतानी होगी जबकि एक किलो से कम वजन वाले उत्पादों की कीमत प्रति ग्राम कीमत बतानी होगी."


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