केवल दो स्टूडेंट्स के लिए नीट की परीक्षा आयोजित करने वाला आदेश सुप्रीम कोर्ट में ख़ारिज

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सुप्रीम कोर्ट ने केवल दो छात्रों के लिए नीट की परीक्षा दोबारा आयोजित करने के बॉम्बे हाईकोर्ट के फ़ैसले को शुक्रवार को रद्द कर दिया है.

नीट की परीक्षा का आयोजन मेडिकल कॉलेजों में दाख़िले के लिए होता है. इस बार ये परीक्षा 12 सितंबर को हुई थी.

इन दोनों छात्रों के साथ दिक्कत ये हुई कि महाराष्ट्र के एक सेंटर पर इन दोनों के टेस्ट बुकलेट (प्रश्नपत्र) और उत्तर अंकित करने वाली ओआमआर शीट बदल गई.

जस्टिस एल नागेश्वर राव और जस्टिस बीआर गवई की पीठ ने कहा कि अदालत उनके हितों के प्रति सहानुभूति रखती है, पर अकेले उनके लिए फिर से परीक्षा का निर्देश देना मुश्किल होगा. इसलिए, अदालत ने कहा, "सॉरी! पर परीक्षा नहीं होगी..

पीठ ने कहा कि फिर से परीक्षा लेने के हाईकोर्ट के निर्देश को हम दरकिनार करते हुए ये रिट याचिका ख़ारिज करते हैं. इससे पहले अदालत में केंद्र सरकार ने कहा कि यदि स्नातक स्तर की नीट परीक्षा दोबारा परीक्षा कराने का निर्देश दिया गया, तो ये एक पैटर्न बन जाएगा.

अदालत ने कहा, "हमने दोनों छात्रों के नतीजे और उन्हें मिले अंकों को ​देखा. उन्होंने अधिकांश सवालों को हल करने का प्रयास किया. ... क़ीमती समय बर्बाद होने के चलते वे सभी सवालों के जवाब नहीं दे सके. ऐसे हालात में परीक्षा लिखने के लिए हम इन छात्रों की मानसिक दशा की सराहना करते हैं.''

इससे पहले, बॉम्बे हाईकोर्ट ने इस तथ्य का संज्ञान लिया था कि दो मेडिकल उम्मीदवारों- वैष्णवी भोपाल और अभिषेक शिवाजी की टेस्ट बुकलेट और ओएमआर शीट परीक्षा शुरू होने से पहले परीक्षा केंद्र में मिश्रित हो गई थी.


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