सीबीआई और ईडी के निदेशकों के कार्यकाल बढ़ाने के लिए दो नए अध्यादेश

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केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के निदेशकों का कार्यकाल दो साल के अनिवार्य कार्यकाल के बाद अब तीन साल तक बढ़ाया जा सकता है. केंद्र सरकार रविवार को इस बारे में दो नए अध्यादेश लेकर आई है.

इन अध्यादेशों के अनुसार, दोनों निदेशकों की नियुक्ति के लिए गठित समितियों की मंज़ूरी मिलने के बाद उनके कार्यकाल को एक-एक साल के लिए बढ़ाया जा सकता है. सरकार ने इसके लिए केंद्रीय सतर्कता आयोग (संशोधन) अध्यादेश और दिल्ली विशेष पुलिस स्थापना (संशोधन) अध्यादेश, 2021 जारी किया है.

ईडी निदेशक की नियुक्ति के लिए केंद्रीय सतर्कता आयुक्त (सीवीसी), सतर्कता आयुक्तों के अलावा राजस्व विभाग, कार्मिक विभाग और गृह मंत्रालय के सचिवों की एक समिति होती है. वहीं सीबीआई निदेशक की नियुक्ति का निर्णय प्रधानमंत्री, विपक्ष के नेता और देश के मुख्य न्यायाधीश मिलकर लेते हैं.

केंद्र सरकार के इस कदम की विपक्षी दलों ने कड़ी आलोचना की है. वहीं ये निर्णय सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के भी उलट हैं. सुप्रीम कोर्ट पहले कह चुकी है कि रिटायर होने के ठीक पहले अधिकारियों के कार्यकाल केवल दुर्लभ और असाधारण मामलों में ही बढ़ाए जाने चाहिए, वो भी छोटी अवधि के लिए.

सर्वोच्च न्यायालय ने ये बात ईडी के प्रमुख एसके मिश्र को 2020 में मिले सेवा विस्तार के मामले में कहा था. 1984 बैच के आईआरएस अधिकारी मिश्र, 17 नवंबर को रिटायर होने वाले हैं. अधिकारियों के अनुसार, हालांकि अब ये देखना बाक़ी है कि नया अध्यादेश आने के बाद वो ईडी प्रमुख के पद पर बने रहते हैं या नहीं.


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