जम्मू कश्मीर में कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ीं, 20 नेताओं ने छोड़ा दामन

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जम्मू और कश्मीर में चार पूर्व मंत्रियों और तीन विधायकों समेत 20 कांग्रेस नेताओं ने पार्टी से इस्तीफ़ा दे दिया है.

पार्टी अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेजे साझा इस्तीफ़े में इन नेताओं ने कहा कि जम्मू और कश्मीर केंद्र शासित प्रदेश के बारे में पार्टी ने उन्हें अपनी राय व्यक्त करने का मौक़ा नहीं दिया.

मीडिया ने सूत्रों के हवाले से कहा है कि जिन नेताओं ने इस्तीफ़ा दिया है वो कांग्रेस के पूर्व वरिष्ठ नेता ग़ुलाम नबी आज़ाद के क़रीबी हैं. नेताओं के इस्तीफ़ा देने से कुछ दिन पहले ही ग़ुलाम नबी आज़ाद जम्मू कश्मीर दौरे पर गए थे. नेताओं के नामों का अब तक पता नहीं चल पाया है.

प्रदेश कांग्रेस में मौजूद सूत्रों के हवाले से पीटीआई ने कहा है कि सोनिया गांधी के अलावा राहुल गांधी और जम्मू कश्मीर के लिए कांग्रेस की कार्यकारी सचिव रजनी पाटिल को भी इस्तीफ़े की प्रति भेजी गई है.

इन नेताओं का आरोप है कि पार्टी नेतृत्व के "शत्रुतापूर्ण रवैय्ये" के कारण वो पार्टी के सभी पदों से इस्तीफ़ा देने को बाध्य हुए हैं.

उन्होंने लिखा कि उन्होंने पार्टी आलाकमान का ध्यान प्रदेश के मुद्दों पर खींचने की कोशिश की थी लेकिन उन्हें वक्त ही नहीं दिया गया.

हालांकि सूत्रों के अनुसार पूर्व डिप्टी मुख्यमंत्री तारा चंद समेत चुछ नेताओं ने ग़ुलाम नबी आज़ाद के करीबी माने जाने वाले इन नेताओं से दूरी बना ली है.

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन का काम जारी है और माना जा रहा है यहां जल्द चुनाव कराए जा सकते हैं. ऐसे में एक साथ 20 नेताओं के कांग्रेस का दामन छोड़ने को अहम माना जा रहा है.


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