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मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों को दिवाली गिफ्ट देते हुए उनका दबदबा बढ़ाया
रायपुर, पंचायती राज सम्मेलन को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पंचायत प्रतिनिधियों को सशक्त बनाने कई ऐसे महत्वपूर्ण ऐलान कर दिया कि सम्मेलन में मौजूद जनप्रतिनिधियों को यकायक - यक भरोसा नहीं हुआ।
मध्यप्रदेश के समय तत्कालीन सीएम दिग्विजय सिंह ने पंचायती राज को मजबूत करने का प्रयास किया था, उन्हें राज्य मंत्री का दर्जा मिला था। लेकिन, छत्तीसगढ़ बनने के बाद पंचायत प्रतिनिधियों का ऐसा पराभाव शुरू हुआ कि जिला पंचायत अध्यक्षों की कोई पूछ नहीं है...वे नाम के अध्यक्ष रह गए हैं।
सरकार ने पंचायत जनप्रतिनिधियों को सशक्त बनाने सुझाव देने के लिए तीन सदस्यीय कमेटी बना दी थी। कमेटी की रिपोर्ट आने के बाद मुख्यमंत्री ने आज कई अहम घोषणाएं की।
इसमें सबसे महत्वपूण है, पंचायत बॉडी में पोस्टेड अधिकारियों की गोपनीय चरित्रावली लिखना, चेक भुगतान का अनुमोदन करना और तीसरा, निधि। सीईओ का सीआर अब जिपं अध्यक्ष और जनपद अध्यक्ष लिखेंगे। ठेकेदारों समेत जितने भी चेक जारी होंगे, उस पर अध्यक्षों को अनुमोदन लगेगा। फिर जिला पंचायतों के अध्यक्षों को अब विधायक, सांसद निधि की तरह निधि मिलेगी। जिपं अध्यक्ष को साल में 15 लाख, उपाघ्यक्ष को 10 लाख और जिपं सदस्य को पांच लाख। इसके अलावा उनके मानदेय भी बढ़ाए गए हैं। कुल मिलाकर मुख्यमंत्री ने पंचायत प्रतिनिधियों को दिवाली गिफ्ट देते हुए उनका दबदबा बढ़ा दिया है। अब उनके अनुमोदन के बिना कोई काम आगे नहीं बढ़़ेगा।
पंचायत से जुड़े जनप्रतिनिधियों को और क्या अधिकार बढ़ाए गए-
1. जिला/जनपद पंचायत अध्यक्ष के समक्ष नोटशीट प्रस्तुत करने के संबंध में छत्तीसगढ़ शासन पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित राज्य बजट की योजनाओं के क्रियान्वयन में नोटशीट जिला / जनपद पंचायतों के अध्यक्षों के समक्ष अनुमोदन हेतु प्रस्तुत किए जाएंगे केन्द्र सरकार की योजनाओं के लिये यह लागू नहीं होगा।
2. जिला पंचायत अध्यक्ष एवं जनपद पंचायत अध्यक्ष को वित्तीय अधिकार छत्तीसगढ़ शासन, पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग द्वारा संचालित राज्य बजट की योजनाओं के राशि का भुगतान पूर्व संबंधित अध्यक्ष द्वारा नस्ती पर अनुमोदन पश्चात मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत एवं वरिष्ठ लेखाधिकारी / सहायक लेखाधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से तथा जनपद के मामले मुख्य कार्यपालन अधिकारी जनपद पंचायत एवं सहायक लेखाधिकारी उसकी अनुपस्थिति में कलेक्टर द्वारा प्राधिकृत किसी अधिकारी के संयुक्त हस्ताक्षर से भुगतान किया जायेगा।
3. जिला पंचायत अध्यक्षों को अध्यक्ष निधि प्रदान करने के संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष के लिए प्रतिवर्ष 15 लाख रूपए, जिला पंचायत उपाध्यक्ष के लिए 10 लाख रूपए तथा जिला पंचायत सदस्य के लिये 4 लाख रूपए, जनपद पंचायत अध्यक्ष के लिए 5 लाख रूपये, जनपद पंचायत उपाध्यक्ष के लिये 3 लाख रूपए तथा जनपद पंचायत सदस्य के लिये 2 लाख रूपए निधि प्रदाय किए जाएगा। इस प्रकार कुल 45 करोड़ रूपए के बजट प्रावधान को पुनर्विनियोजन के माध्यम किया जायेगा।
4. जिला पंचायत के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने के संबंध में जिला पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के गोपनीय प्रतिवेदन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के जिला पंचायत के सचिव के रूप में किये गये कार्यदायित्व के संबंध में अध्यक्ष, जिला पंचायत गोपनीय प्रतिवेदन लिखने वाले प्रतिवेदक अधिकारी (कलेक्टर) को अपना अभिमत संसूचित करेगा।
5. जनपद पंचा. के अधिकारियों एवं कर्मचारियों के गोपनीय चरित्रावली लिखे जाने के संबंध में जनपद पंचायत के मुख्य कार्यपालन अधिकारी के गोपनीय प्रतिवेदन में मुख्य कार्यपालन अधिकारी के जनपद पंचायत के सचिव के रूप में किये गये कार्यदायित्य के संबंध में अध्यक्ष, जनपद पंचायत गोपनीय प्रतिवेदन लिखने वाले प्रतिवेदक अधिकारी (मुख्य कार्यपालन अधिकारी, जिला पंचायत) को अपना अभिमत संसूचित करेगा।
6. जिला जनपद पंचायत अध्यक्ष/उपाध्यक्ष को वाहन उपलब्ध कराने संबंध में जिला पंचायत अध्यक्ष को वाहन उपलब्ध कराये जाने हेतु पूर्व 2 करोड रूपए प्रतिवर्ष व्यय की सहमति दी गई है। जनपद पंचायत अध्यक्ष को वाहन उपलब्ध कराये जाने हेतु 6.13 करोड़ रूपए की अतिरिक्त व्यय की स्वीकृति दी जायेगी।
7. सरपंचों के मानदेय को 2 हजार रूपए बढ़ाकर 4 हजार रूपए करने की घोषणा। 8. जिला पंचायत अध्यक्षों का मानदेय 15 हजार रूपए से बढ़ाकर 25 हजार रूपए करने, जिला पंचायत उपाध्यक्ष का मानदेय 10 हजार रूपए से बढ़ाकर 15 हजार रूपए और जिला पंचायत सदस्य का मानदेय 6 हजार रूपए से बढ़ाकर 10 हजार रूपए करने की घोषणा।
9. सरपंचों को अब 50 लाख रूपए की लागत तक के कार्य कराने का अधिकार होगा।
10. नया संशोधित एसओआर जल्द लागू होगा।
11. ग्राम पंचायतों के पंचों को बैठक के लिए मिलने वाले 200 रूपए के भत्ते को बढ़ाकर 500 रूपए करने की घोषणा।
12. पंचायती राज संस्थाओं के पदाधिकारियों की अन्य मांगों पर विचार करने के लिए पंचायत मंत्री की अध्यक्षता में कमेटी गठित करने की घोषणा।
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