संसद सत्र के दौरान ट्रैक्टर मार्च रद्द करने पर अंतिम फ़ैसला अभी नहीं: संयुक्त किसान मोर्चा

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संसद के आगामी शरदकालीन सत्र के दौरान संसद भवन की ओर हर दिन किए जाने वाले प्रस्तावित ट्रैक्टर मार्च को रद्द करने के बारे में अभी तक कोई अंतिम फ़ैसला नहीं लिया गया है.

किसान नेताओं ने शनिवार को इस बारे में जानकारी देते हुए बताया कि आंदोलन के भविष्य की रूपरेखा के बारे में अंतिम फ़ैसला आज रविवार को लिया जाएगा.

किसान आंदोलन के एक साल पूरे होने के मौके पर किसान संगठनों के साझा प्लेटफॉर्म संयुक्त किसान मोर्चा ने इस महीने की शुरुआत में कहा था कि 29 नवंबर से शुरू होने वाले संसद के शरदकालीन सत्र के दौरान 500 किसानों का एक समूह ट्रैक्टर से शांतिपूर्ण तरीके से संसद की ओर हर दिन मार्च करेगा.

हालांकि इस बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को घोषणा की कि केंद्र सरकार तीन कृषि कानूनों को वापस लेगी. सरकार ने कृषि क़ानूनों का विरोध कर रहे किसानों की मांग को स्वीकार कर लिया है.

संयुक्त किसान मोर्चा ने प्रधानमंत्री के फ़ैसले का स्वागत किया है लेकिन कहा है कि वे संसदीय प्रक्रिया के पूरा होने का इंतज़ार करेंगे. उन्होंने ये भी साफ़ किया है कि न्यूनतम समर्थन मूल्य को क़ानूनी गारंटी दिए जाने और बिजली संशोधन विधेयक को वापस लिए जाने की मांग को लेकर उनका विरोध प्रदर्शन जारी रखेंगे.

एसकेएम की कोर कमेटी के मेंबर और किसान नेता दर्शन पाल ने  मीडीया से कहा, "संसद के लिए हमारे ट्रैक्टर मार्च को लेकर हमारा आह्वान आज भी कायम है. सिंघु बॉर्डर पर रविवार को होने वाली बैठक में एमएसपी के मुद्दे और विरोध प्रदर्शन के भविष्य की दशा और दिशा को लेकर अंतिम निर्णय लिया जाएगा."

किसान नेता और भारतीय किसान यूनियन (उगराहां) के नेता जोगिंदर सिंह उगरहां ने टिकरी बॉर्डर पर कहा है कि ट्रैक्टर मार्च रद्द करने पर अभी अंतिम फ़ैसला नहीं लिया गया है.


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