ई-श्रम पोर्टल: पहली बार घरेलू कामगारों के आंकड़े जुटा रही सरकार, 75.33 लाख पंजीकृत, 3.5 करोड़ होने का अनुमान

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केंद्र सरकार घरेलू कामगारों के आंकड़े जुटाने के लिए पहली बार पूरे देश में सर्वे करा रही है। केंद्रीय श्रम मंत्री भूपेंद्र यादव ने सोमवार को घरेलू कामगारों पर अखिल भारतीय सर्वे के फील्डवर्क को हरी झंडी दिखाई.

यह सर्वे 37 राज्यों के 742 जिलों में किया जाएगा। इसके नतीजे एक साल के भीतर आ सकते हैं। यादव ने कहा, सर्वे में देशभर के 5.5 लाख परिवारों के आंकड़ें शामिल होंगे। इसमें सभी तरह की घरेलू सेवाओं जैसे रसोइया, ड्राइवर, घर की देखभाल, ट्यूशन शिक्षक (बच्चों के लिए) और चौकीदार आदि को शामिल किया जाएगा। ई-श्रम पोर्टल के मुताबिक, पंजीकृत 8.56 करोड़ असंगठित श्रमिकों में 8.8 फीसदी (75.33 लाख) घरेलू कामगार हैं.

श्रम सचिव सुनील बर्थवाल ने कहा कि अगर हम 38 करोड़ असंगठित कामगारों को ई-श्रम पोर्टल से जोड़ लेते हैं तो देश में घरेलू कामगारों की संख्या तीन से साढ़े तीन करोड़ हो जाएगी। कृषि और निर्माण क्षेत्र के बाद घरेलू कामगार श्रमिकों की तीसरी सबसे बड़ी श्रेणी है.

प्रभावी नीतियां बनाने में मिलेगी मदद 

श्रम मंत्री ने कहा कि विस्तार के कारण तेज शहरीकरण से श्रमिकों का पलायन होगा और घरेलू कामगारों की संख्या में वृद्धि होगी। सर्वे का उद्देश्य राष्ट्रीय और राज्य स्तर पर घरेलू कामगारों की संख्या, संगठित/असंगठित रोजगार, प्रवासी/गैर-प्रवासी, मजदूरी और अन्य सामाजिक-आर्थिक हालातों की जानकारी जुटाना है। इससे सरकार को घरेलू कामगारों के हित में नीतियां बनाने में मदद मिलेगी.


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