भारत-अमेरिका संबंध: यूएसटीआर राजदूत कैथरीन ताई से मिले पीयूष गोयल, व्यापारिक संबंध मजबूत बनाने पर आज भी होगी चर्चा

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अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि राजदूत कैथरीन ताई अमेरिका-भारत के बीच व्यापार संबंधों पर चर्चा करने के लिए दो दिवसीय दौरे पर भारत आई हैं। कैथरीन दो दिनों (22 और 23 नवंबर) के लिए नई दिल्ली में हैं। उनके साथ संयुक्त राज्य अमेरिका की उप व्यापार प्रतिनिधि सारा बियांची भी हैं। दोनों देशों के बीच व्यापार संबंधों पर चर्चा की शुरुआत सोमवार को हुई। यह चर्चा आज यानी मंगलवार को भी जारी रहेगी।

पहले दिन की चर्चा के बाद अमेरिकी व्यापार प्रतिनिधि की राजदूत कैथरीन ताई ने ट्वीट किया, "अमेरिका-भारत व्यापार नीति फोरम को कल फिर से शुरू करने के लिए उत्सुक हूं।"

कैथरीन ताई से मिले पीयूष गोयल 

केंद्रीय वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने सोमवार को राजधानी दिल्ली में अमेरिकी ट्रेड रिप्रजेंटेटिव (यूएसटीआर) राजदूत कैथरीन ताई से मुलाकात की। नई दिल्ली में संयुक्त राज्य व्यापार प्रतिनिधि (यूएसटीआर) कैथरीन ताई का स्वागत करते हुए, गोयल ने कहा कि भारतीय अर्थव्यवस्था में तेजी से सुधार हुआ है और बढ़ते आर्थिक संकेतक 'भारत के अगले एक दशक में विकास' की ओर इशारा करते हैं। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका ने रक्षा सहयोग के कारण वर्षों में मजबूती हासिल की है और चतुर्भुज सुरक्षा वार्ता (क्वाड) ने इसे और बढ़ावा दिया है।

देश 'आत्मनिर्भर भारत' पर काम कर रहा है: गोयल पीयूष गोयल ने कहा कि भारत 'आत्मनिर्भर भारत' पर काम कर रहा है, जैसे कि संयुक्त राज्य अमेरिका ने 'बिल्ड बैक बेटर' ढांचे की शुरुआत की थी। गोयल ने कहा कि भारत-अमेरिका द्विपक्षीय व्यापार में जबरदस्त वृद्धि हो रही है। गोयल ने कहा कि भारत और अमेरिका की साझेदारी न केवल एक दूसरे को बल्कि पूरी दुनिया को कोविड-19 महामारी से उबरने में मदद कर सकती है।

कैथरीन ताई से मुलाकात के दौरान गोयल ने कहा कि कॉस्टिंग, स्किल्ड मैन पावर, दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा बाजार, डोमेस्टिक डिमांड भारत की खासियत और मजबूती है। अगर इसे अमेरिकी इनोवेशन और इन्वेस्टमेंट का साथ मिलता है तो यह शानदार उपलब्धि होगी।

भारत और अमेरिका के बीच

पार्टनरशिप पर चर्चा करते हुए गोयल ने कहा कि देश लॉकडाउन से जूझ रहा था, लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह निर्देश दिया कि भारत अंतरराष्ट्रीय प्रतिबद्धता में पीछे नहीं हटे। हमने इसी तर्ज पर काम भी किया। यही वजह है कि पूरी दुनिया भारत की तरफ उम्मीद के साथ एक विश्वासी मित्र के रूप में देख रहा है। कोरोना काल में भारत और अमेरिका ने इस बात को महसूस किया है कि संकटमय आपूर्ति श्रृंखला में विविधता होनी चाहिए। भारत और अमेरिका मिलकर अन्य सहयोगी देशों की मदद से आपूर्ति श्रृंखला की इस समस्या को दूर करने का काम करेंगे।


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