बारदाने के जुगत मे किसान परेशान

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बारदाने के जुगत मे आम किसान भटकते नज़र आ रहे है, समर्थन मूल्य पर 1दिसंबर से धान खरीदी शुरू हो गई है, इसी बीच बारदाने की कमी किसानों के लिए बड़ा मुद्दा सामने आ गया है। शासन के निर्देशानुसार धान खरीदी के लिए किसान को अपने धान बेचने के लिए 25 फीसदी बारदाने की खुद से व्यवस्था करनी है और बाकी बारदाने समितियों से मिलेगी। यह शर्त ने किसानों की चिंता बढ़ा दी है। धान खरीदी तो शुरू हो गई, लेकिन बारदाने की कमी अभी भी खत्म नहीं हो पा रही है । धान खरीदी केंद्र समितियों में महज 5 दिन के लिए ही बारदाने उपलब्ध हैं। यह समस्या जल्द खत्म नहीं होने पर धान खरीदी प्रभावित हो सकती है, जो कि किसानों के लिए एक बड़ी समस्या है।

बारदाना बेचने वाले जमकर कर रहे कमाई

इन दिनों किसानों की मजबूरी का फायदा बारदाना बेचने वाले जमकर उठा रहे हैं। शुरू में जो बारदाना 15 रुपये में मिल जा रहा था वह बारदाना अब 30 से 35 रुपये में बेचा जा रहा है। धान बेचना जरूरी है इसलिए किसान मजबूरी में खरीद रहे हैं। इसके अलावा इन दिनों बारदाना बेचने वाले कई व्यापारी पैदा हो गए हैं। माना जा रहा है कि व्यापारियों को इस बात का अंदाजा है कि अब बारदाना की स्थिति सामान्य नहीं होगी। इसलिए इस व्यापार में लाभ कमाया जा सकता है।

अव्यवस्था के बीच किसान धान बेचने को विवश - धरमलाल कौशिक

नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने babuaa.com से कहा कि प्रदेश में धान खरीदी को लेकर जो अव्यवस्था का आलम है वह किसी से छिपी नहीं है। किसानों को धान खरीदी के नाम पर परेशान किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि धान खरीदी से लेकर बारदाना के मसले पर प्रदेश की सरकार केवल मात्र भ्रम फैलाने में लगी हुई है। धान खरीदी को लेकर बारदाने खरीदने की प्रक्रिया पहले ही प्रदेश सरकार को पूर्ण करनी होती है लेकिन अब पानी सर से ऊपर निकल गया तो प्रदेश के मुख्यमंत्री व उनके मंत्री अपनी नाकामियों को छिपाने के लिए केन्द्र सरकार पर आरोप लगाने से नहीं बच रहे है। जो उनके राजनीतिक अपरिपक्वता को प्रदर्शित करता है।

पुराने जूट बारदाने की दर 18 रूपए प्रति नग से बढ़ाकर 25 रूपए निर्धारित - मुख्यमंत्री 

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने पुराने जूट बारदाने का मूल्य 18 रूपए प्रति नग से बढ़ाकर 25 रूपए कर दिया है। इस आशय के आदेश खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा जारी किए जा चुके हैं।


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