किसानों की फसल को रिजेक्ट करके प्रदेश सरकार किसानों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है - केदार कश्यप

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भारतीय जनता पार्टी के पूर्व मंत्री केदार कश्यप babuaa.com से कहा है कि विभिन्न धान ख़रीदी केंद्रों से किसानों का धान रिजेक्ट करने की आ रही ख़बरें प्रदेश सरकार की किसानों के प्रति घोर संवेदनहीनता की परिचायक हैं, जबकि किसानों की फसल प्रदेश सरकार के हठीलेपन और षड्यंत्रकारी मानसिकता के कारण बेमौसम बारिश में खराब हुई है। श्री कश्यप ने कहा, भाजपा ने प्रदेश सरकार को आगाह किया था कि प्रदेश सरकार 01 नवम्बर से धान ख़रीदी शुरू नहीं करके किसानों को आपदा का शिकार बनाया है और अब उसे हर हाल में किसानों का पूरा धान मापदंडों को शिथिल करके ख़रीदना चाहिए।

बेमौसम बारिश की मार से धान के उत्पादन में गिरावट आई

भाजपा के पुर्व मंत्री श्री कश्यप ने कहा कीट-प्रकोप, बीनारियों और बेमौसम बारिश की मार से धान के उत्पादन में गिरावट आई है। किसान जैसे-तैसे अपनी फसल बचाकर ख़रीदी केंद्रों में समर्थन मूल्य पर धान बेचने पहुँच रहे हैं तो वहाँ धान में नमी और धान के लाल होने की बात करके धान को रिजेक्ट किया जा रहा है। उन्होने ये भी कहा कि किसानों की फसल के रिजेक्ट करके प्रदेश सरकार किसानों को प्रताड़ित करने का काम कर रही है। अगर किसानों का धान ख़रीदने में प्रदेश सरकार इसी तरह आनाकानी करेगी तो किसान अपना कर्ज़ कैसे चुका पाएंगे?

बस्तर मे 20 हज़ार क्विंटल धान खराब

बस्तर ज़िले के सबसे पुराने बिरिंगपाल धान संग्रहण केंद्र में धान के रख रखाव की समुचित व्यवस्था और समय पर उठाव नहीं होने के कारण यहाँ रखा लगभग 20 हज़ार क्विंटल धान बेमौसम बारिश में भीगकर सड़ गया है, जो प्रदेश के अन्नदाताओं के परिश्रम का खुला अपमान और राष्ट्रीय सम्पदा की भारी क्षति है।


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