छत्तीसगढ़ की सभी पोहा मिलों में 10 दिसंबर से तालाबं

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छत्तीसगढ़ की सभी पोहा मिलों में 10 दिसंबर से तालाबंदी हो जाएगी । राज्य सरकार द्वारा मंडी टैक्स में की गई भारी वृद्धि के विरोध में व्यापारी इन दिनों हड़ताल पर हैं । इसका सबसे अधिक असर किसानों , मंडी में कार्य करने वाले रेजा , हमालों , तौलिया व मजदूरों पर पड़ेगा । मिलें बंद होने से ये सब बेरोजगार हो जाएंगे । छत्तीसगढ़ शासन द्वारा एक दिसंबर से मंडी शुल्क में की गई वृद्धि ( मंडी शुल्क 3 व कृषक कल्याण शुल्क 2 प्रतिशत , 5 प्रतिशत ) की गई है । जो कि पहले पोहा उद्योगों के लिए 1 प्रतिशत थी । इसलिए इसका सीधा प्रभाव छत्तीसगढ़ के कृषि उपज पर आधारित उद्योगों पर पड़ा है । 2 साल से कोरोनाकाल की मार झेल रहे उद्योगों पर अभी हाल ही में कुछ समय पूर्व बिजली दरों में वृद्धि की गाज गिरी थी । इनसे उबर पाना ही बहुत मुश्किल था कि अब ये मंडी टैक्स में कुल 5 प्रतिशत की बढ़ोतरी ने उद्योगों को मरणावस्था में पहुचाने की रही सही कसर भी पूरी कर दी है । ये लघु उद्योग जो सेमी आटोमेटिक मैनुअल पद्धति पर काम करते हैं इनसे प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष रूप से हज़ारों छत्तीसगढ़ के स्थानीय मजदूरों को रोजगार मिलता है साथ ही छत्तीसगढ़ शासन द्वारा की जाने वाली धान खरीदी के बाद जो भी उपज किसानों के पास बचती है , उनको उचित मूल्य पर खरीदी करने वाले ये लघु उद्योग ही है इस प्रकार ये उद्योग छत्तीसगढ़ शासन पर उपज को लेकर अतिरिक्त भार को कम करने में भी बहुत बड़ी भूमिका निभाते हैं । मंडी टैक्स बढ़ने की वजह से ये उद्योग अन्य राज्यों के अपने प्रतिद्वंद्वी उद्योगों के सामने प्रतिस्पर्धा में पिछड़ जाने के कारण तालाबंदी के कगार पर आ गए हैं ।
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