शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने के आसार, सरकार ने कहा-विपक्ष के पास कुछ खास नहीं, BJP बोली- रोज लाएंगे स्थगन प्रस्ताव

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छत्तीसगढ़ विधानसभा का शीतकालीन सत्र कल 13 दिसम्बर से शुरू हो रहा है। शीतकालीन सत्र के हंगामेदार रहने के आसार हैं। प्रमुख विपक्षी पार्टी भाजपा धर्मान्तरण, कवर्धा की घटना, धान खरीदी केंद्रों में अव्यवस्था, कानून व्यवस्था समेत अन्य मुद्दों को विधानसभा में सरकार को घेरने की तैयारी में है। 

पांच दिन के इस छोटे सत्र में कल पहले दिन कोई कार्यवाही नहीं होगी। विधानसभा के नियमों के अनुसार अगर सीटिंग विधायक का निधन हुआ हो तो पहले दिन शोक और श्रद्धांजलि के बाद कार्यवाही स्थगित कर दी जाती है। पिछले महीने दिवाली के दिन खैरागढ के विधायक देवव्रत सिंह का दिल का दौरा पड़ने से देहावसान हो गया। 

उनका अलावा पूर्व मंत्री मूलचंद खंडेलवाल, रजिंदर पाल सिंह भाटिया, पूर्व संसदीय सचिव एवं चंद्रपुर से दो बार विधायक रह चुके युद्धवीर सिंह जूदेव समेत सात दिवंगत विधायकों को सदन में श्रद्धासुमन अर्पित की जाएगी। इसके अलावा देश के प्रथम सीडीएस जनरल विपिन रावत को भी सदन द्वारा श्रद्धांजलि दी जाएगी। इसके बाद सदन की कार्यवाही दिन भर के लिए स्थगित हो जाएगी। पांच दिन का शीतकालीन सत्र 13 से लेकर 17 दिसंबर तक आहूत है। इसमें से पहले दिन श्रंद्धाजलि होगी। बचा चार दिन। इसमें अनुपूरक बजट समेत कुछ विधेयकों को पारित किया जाएगा।

कल से शुरू हो रहे सत्र को लेकर मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि सरकार की तरफ से पूरी तैयारी है। सभी विधायक विपक्ष के प्रश्नों का मुहतोड़ जवाब देंगे। मंत्री अमरजीत भगत ने कहा कि इस बार विपक्ष के पास पूछने के लिए कुछ खास नहीं है। नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि सत्र को लेकर भाजपा पूरी तरह से तैयार है। 

उन्होंने कहा कि सत्र में स्थगन, ध्यानाकर्षण और प्रश्नकाल आदि सारी चीज़ों का उपयोग करेंगे। उन्होंने कहा कि कवर्धा की घटना, धर्मान्तरण, धान खरीदी में अनियमितता, कानून व्यवस्था, बढ़ते अपराध समेत अन्य मुद्दों को सदन में उठाया जाएगा। भाजपा रोज एक मामले में स्थगन प्रस्ताव लाएगी।


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