सीडीएस जनरल बिपिव रावत देश के सामरिक-क्षेत्र में मिलिट्री को 'आवाज' देने का काम किया- लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला

feature-top

सीडीएस जनरल बिपिव रावत कोई 'पॉलिटिकल' कमांडर नहीं थे बल्कि उन्होनें देश के सामरिक-क्षेत्र में मिलिट्री को 'आवाज' देने का काम किया था जिसके चलते बालाकोट जैसी एयर स्ट्राइक 'न्यू-नॉर्मल' बन गई. ये मानना है भारतीय सेना की ट्रेनिंग कमान के कमांडिंग इन चीफ, लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला का. आर्मी ट्रेनिंग कमान (आरट्रैक) के कमांडर, लेफ्टिनेंट जनरल राज शुक्ला आज एक वेबिनार को संबोधित कर रहे थे. बेविनार का थीम था 'क्रैरिंग फॉरवर्ड द लिगेसी ऑफ सीडीएस जनरन बिपिन रावत'. इस‌ दौराव जनरल शुक्ला ने कहा कि लोग उन्हें 'पॉलिटिकल' जनरल मानने की गलती करते हैं जबकि हकीकत ये है कि उन्होनें सिविल-मिलिट्री रिलेशन्स यानि सेना और सरकार के संबंधों में एक मजबूती प्रदान की. इसका नतीजा था कि सेना देश की सामरिक-क्षेत्र में महत्वपूर्ण हिस्सा बन गई. जनरल रावत की ही बदौलत मिलिट्री-डिप्लोमेसी देश की कूटनीति का हिस्सा बनी.

थलसेना की ट्रैनिंग की जिम्मेदारी संभालने वाली आरट्रैक कमान के कमांडर ने कहा कि सीडीएस जनरल बिपिन रावत के बेबाक बयान दुश्मनों के लिए खतरे की घंटी का काम करते थे. उन्होनें स्टेट-क्राफ्ट यानि राजतंत्र को सिखाया कि 'फोर्स' का इस्तेमाल कैसे करते हैं. इसी का नतीजा था कि सर्जिकल स्ट्राइक हो या बालाकोट एयर स्ट्राइक, सब न्यू नॉर्मल बन गया. लेकिन उनकी इस विचारधारा को लोग 'पॉलिटिकल ' मानने की गलती कर लेते हैं और विवादों में पड़ जाते थे.


feature-top