स्वर्ण मंदिर में क्या हुआ

feature-top

इससे पहले अमृतसर के स्वर्ण मंदिर में शनिवार को जो कुछ भी हुआ उसे लेकर डीसीपी परमिंदर सिंह भंडाल ने मीडिया को बताया कि एक व्यक्ति की पिटाई से मौत हो गई है.

उन्होंने कहा कि मृत युवक की उम्र 20 से 25 साल है और उसने पीला पटका ओढ़ रखा था. डीसीपी ने कहा कि पहले वह संगत में शांति से खड़ा था लेकिन अचानक शख़्स बाड़ को पार करके रुमाला साहिब के पास पहुंचा और तलवार उठाई. डीसीपी के अनुसार, ग़ुस्साई भीड़ उसे बाहर लेकर आई और पिटाई से उसकी मौत हो गई. उन्होंने कहा, ''शव को मुर्दाघर में भेज दिया गया है और रविवार को पोस्टमॉर्टम होगा. पुलिस को कोई पहचान पत्र नहीं मिला है लेकिन सीसीटीवी फुटेज में देखा जा रहा है कि उसके साथ और कौन था.''

पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी ने पूरे मामले पर तीन ट्वीट किए हैं. मुख्यमंत्री के आधिकारिक ट्विटर अकाउंट से ट्वीट कर कहा गया है, ''गुरु ग्रंथ साहिब के अपमान की बेहद दुर्भाग्यपूर्ण और घृणित कोशिश की मैं कड़ी निंदा करता हूं. मैंने एसजीपीसी के अध्यक्ष को फ़ोन कर आश्वस्त किया है कि इस मामले में सरकार पूरी तरह साथ खड़ी है.''

चश्मदीद क्या बोले अंग्रेज़ी अख़बार से एक चश्मदीद ने पहचान नहीं ज़ाहिर करने की शर्त पर बताया कि वो व्यक्ति दर्शन के लिए लाइन में लगा हुआ था लेकिन अचानक वो गुरु ग्रंथ साहिब वाले घेरे में चला गया और सोने की तलवार उठाने की कोशिश की.

एक और चश्मदीद ने बताया कि वो व्यक्ति फूल वाली थाली उठाने की कोशिश कर रहा था. वहीं बलजिंदर सिंह नाम के एक चश्मदीद ने अख़बार से बताया कि उन्होंने उस व्यक्ति की दो उंगलियां तोड़ दीं.

बलजिंदर ने कहा, ''जब हमने उसकी पहचान के बारे में पूछा तो उसने कहा कि वो ख़ुद के बारे में नहीं जानता है. उसके बाद संगत के लोगों ने मारना शुरू किया और उसकी मौत हो गई.''

अरदास का लाइव प्रसारण होता है और इस दौरान उस व्यक्ति की हरकत भी लाइव में गई. इसके बाद लोगों की भीड़ तेज़ी से जुट गई.

घटना की टाइमिंग को लेकर सवाल अकाल तख़्त जत्थेदार ज्ञानी हरप्रीत सिंह ने कहा है कि चुनाव के समय यह जान-बूझकर किया गया काम हो सकता है, बेअदबी करने वाले को अगर संगत ने मार डाला है तो इसके लिए सरकार या साज़िशकर्ता ज़िम्मेदार हैं. उन्होंने कहा, "यह बहुत दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. कुछ दिनों पहले स्वर्ण मंदिर के सरोवर में गुटका साहिब के पन्ने फेंके गए थे और अब दोबारा पागल इंसान ने बेअदबी की कोशिश की है." SAD (D) के अध्यक्ष परमजीत सिंह सरना ने कहा, "मैं उस युवक को तुरंत पकड़ने की मुस्तैदी और ग्रंथी का पाठ जारी रखने की तारीफ़ करना चाहूंगा. और उसी समय ईशनिंदा का काम करने वाली हरकत के लिए ज़िम्मेदार शख़्स की हत्या को मैं सही ठहराऊंगा."

दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमिटी (DSGMC) के पूर्व अध्यक्ष मनजीत सिंह जीके कहते हैं, "यह शख़्स मृत्यु दंड का ज़िम्मेदार था लेकिन क़ानूनी तरीक़े से." इसके साथ ही उन्होंने इस मामले में एक विस्तृत जांच की मांग की ताकि इस साज़िश का पता चल सके. DSGMC के पूर्व अध्यक्ष और बीजेपी नेता मनजिंदर सिंह सिरसा ने कहा, "इस घटना ने पूरी दुनिया को एक झटका दिया है क्योंकि दरबार साहिब के इतिहास में इस तरह की कोशिश कभी भी नहीं की गई थी." उन्होंने आरोप लगाया कि बेदअबी के मामलों को सुलझाने में कांग्रेस सरकार की नाकामयाबी के कारण इस तरह के मामले दोबारा हो रहे हैं. उन्होंने इस मामले की जांच की मांग करते हुए कहा कि यह पता चलना चाहिए कि चुनाव के समय ऐसे मामले क्यों सामने आते हैं.


feature-top