गोविंदा आला रे

लेखक: संजय दुबे

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बात सालो पुरानी है। एक फिल्म आयी थी- इल्ज़ाम। इस फिल्म में एक डांसर एक्टर का आगमन हुआ था। मूलतः ये ब्रेक डांसर की भूमिका में आया था।चेहरा मोहरा ऐसा नही था कि आगे चल कर स्टार बन जाता लेकिन पहले तो अपने को इस एक्टर? ने अपने नाच गम्मत से लोगो का दिल बहलाया और फिर जब नाम चलने लगा तो विदूषक(कॉमेडियन) हीरो के रूप में स्थापित हो गया।

गोविंदा- ये इस कलाकार का नाम है।जिसने दो तीन दशक तक जमकर मनोरंजन किया।बे सिर पैर की फिल्में जिनमे दिमाग बाहर रखकर फुहड़ता के बल पर हँसना हो तो गोविंदा नंबर 1 इंटरटेनर थे, हीरो न 1 के समान। वैसे भी नंबर 1 से गोविंदा को विशेष स्नेह ही रहा और एक समय ऐसा भी आया था जब महानायक को फिल्मो में बने रहने के लिए गोविंदा का सहारा लेते हुए भले ही उनको बड़े मियां बनाये थे लेकिन फ़िल्म में छोटे मिया पहले थे।

 देश मे मनोरंजन करने वालो नायको की एक सीरीज़ चला करती रही है जैसे दुखी नायक,, प्यार करने वाले नायक, खल नायक औऱ इनके बाद के नायक थे नाचने वाले नायक,। पहले पहल तो ईश्वरीय फिल्में बनती थी- गोपीकृष्ण मुख्य कलाकार के रूप में होते थे। उनके बाद में नृत्य शैली बदलने लगी। शम्मी कपूर "याहू" अंदाज़ में नाचने लगे।तब पश्चिम का ट्विस्ट मशहूर होने लगा था।शम्मी ने खूब ट्विस्ट किया। शम्मी के बाद जितेंद्र आये। वे भारतीय नृत्य निर्देशकों के इशारे में अपना डांस करते थे। जितेंद्र थिरकते थे, मटकते थे। जितेंद्र के बाद डांस के बल पर मिथुन ने कदम रखा। वे इंडियन डिस्को डांसर बने। बाद में मिथुन ऊटी में काला कपड़ा पहन कर विचित्र भूमिका करने लगे तो गोविंदा का आगमन हुआ। बहुत कम जगह की जरूरत पड़ती थी गोविंदा को। उनके सिर से लेकर पैर तक संचालन की लयबद्धता कयामत ढाती रही है। काया संचालन के साथ चेहरे पर भाव लाने का सामर्थ्य को जितना गोविंदा ने भुनाया उतना किसी ने नही भुनाया। आज भी गोविंदा किसी कार्यक्रम में होते है तो वे आकर्षण होते है।

 वैसे गोविंदा अन्य कलाकारों राजेश खन्ना, विनोद खन्ना,, शत्रुघ्न सिन्हा, के समान सांसद भी बने लेकिन वे राजनीति के लिए थे ही नही, व्यर्थ में समय बर्बाद कर गए।।आज 58 साल के हो गए है।


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