ओमिक्रॉन से हालात ख़राब हुए तो फंसे कर्ज़ की समस्या और गहरा सकती है: आरबीआई
भारतीय रिज़र्व बैंक की बुधवार को आई एक रिपोर्ट में इस साल फंसे हुए कर्ज़ (एनपीए) के काफ़ी बढ़ जाने की आशंका जताई गई है.
इसकी मुख्य वजह कोरोना के नए वैरिएंट ओमिक्रॉन के चलते अर्थव्यवस्था के प्रदर्शन के प्रभावित होने की आशंका है.
रिपोर्ट के अनुसार, मुख्यत: इस वजह से सितंबर 2022 तक बैंकों का फंसा हुए कर्ज़ बढ़कर 8.1-9.5 फ़ीसदी हो सकता है, जो सितंबर 2021 में 6.9 फ़ीसदी रही है.
आरबीआई ने बताया है कि स्थिति सामान्य रहने पर भी एनपीए के 8.1 फ़ीसदी होने का अनुमान है, जबकि ओमिक्रॉन के चलते हालात बिगड़े तो यह 9.5 फ़ीसदी भी हो सकती है.
देश के केंद्रीय बैंक ने यह भी बताया कि मौजूदा वित्त वर्ष में होम लोन के चलते खुदरा लोन का एनपीए दोहरे अंकों में पहुंच गया है. मालूम हो कि पिछले कई सालों से बैंकों के लिए खुदरा लोन उसके द्वारा दिए जाने वाले कर्ज़ का सबसे प्रमुख हिस्सा रहा है.
वैसे आरबीआई की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, सितंबर में बैंकों के कुल एनपीए और शुद्ध एनपीए में सुधार देखा गया. सितंबर में बैंकों का कुल एनपीए घटकर जहां 6.9 फ़ीसदी हो गई, वहीं शुद्ध एनपीए केवल 2.3 फ़ीसदी रह गई.
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