यूपी में बाहरी नेता बिगाड़ रहे भाजपा की फिजा

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उत्तर प्रदेश में भाजपा के जिस प्रबंधन कौशल की चौतरफा चर्चा होती थी, पार्टी का वही प्रबंधन कौशल सवालों के घेरे में है। जिस मंत्री दारासिंह चौहान का चार्टर प्लेन भेज कर दिल्ली में केंद्रीय नेतृत्व इंतजार रहा था, उन्होंने स्वामी प्रसाद मौर्य की तर्ज पर इस्तीफा दे दिया। चुनाव से ठीक पहले पार्टी का प्रबंधन,रणनीति और राज्य सरकार की कार्यशैली सवालों के घेरे में है.

पार्टी के सामने अपने उस सोशल इंजीनियरिंग को बचाने की चुनौती खड़ी हो गई है, जिसके बूते उसे बीते विधानसभा चुनाव में तीन चौथाई का बड़ा और ऐतिहासिक बहुमत हासिल हुआ था। मुश्किल यह है कि पार्टी की उस सोशल इंजीनियरिंग को उन्हीं बाहर से लाए नेताओं के समूह ने बीते चुनाव में जमीनी स्तर पर मजबूती दी थी। अब ऐसे ही नेताओं का समूह ठीक चुनाव से पहले पार्टी की फिजा खराब करने में जुटे हैं। पार्टी छोड़ने वाले मंत्री और विधायक पिछड़ों और सामाजिक न्याय की राजनीति को कमजोर करने का आरोप लगा रहे हैं।


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