दिल्ली की अदालत ने शरजील इमाम के ख़िलाफ़ राजद्रोह के आरोप किए तय

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दिल्ली की कड़कड़डूमा कोर्ट ने शरजील इमाम के ख़िलाफ़ राजद्रोह के आरोप तय किए हैं. ये आरोप नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ शरजील के अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी और जामिया में दिए गए कथित भड़काऊ भाषण मामले में तय किए गए हैं.

अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश अमिताभ रावत ने इमाम के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की कई धाराओं के तहत आरोप तय किए हैं, जिसमें 124-ए (देशद्रोह), 153-ए (धर्म के आधार पर विभिन्न समूहों के बीच दुश्मनी को बढ़ावा देना), यूएपीए की धारा 13 (ग़ैर क़ानूनी गतिविधियों के लिए सज़ा) जैसी धाराएँ शामिल हैं.

शरजील इमाम ने नागरिकता संशोधन क़ानून के ख़िलाफ़ चल रहे विरोध-प्रदर्शन के दौरान दिसंबर, 2019 में ये भाषण दिया था. शरजील को बाद में 28 जनवरी 2021 को बिहार के जहानाबाद से गिरफ़्तार किया गया था. हालांकि, उनके परिवार वालों का उस वक्त कहना था कि शरजील ने सरेंडर किया है.

इसके बाद जहानाबाद की अदालत ने उन्हें ट्रांजिट रिमांड पर दिल्ली पुलिस को सौंप दिया था.

बिहार के जहानाबाद के काको के रहने वाले शरजील इमाम का CAA और NRC का विरोध करने के दौरान एक वीडिया वायरल हुआ था.

आरोप है कि इस वीडियो में उन्होंने कई विवादित बयान दिए थे


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