किसान 31 जनवरी को विश्वासघात दिवस मनाएंगे

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केंद्र सरकार के साथ हुए समझौते के बाद एक साल से अधिक चला किसान आंदोलन स्थगित हो गया। लेकिन केंद्र सरकार ने लिखित वादों को पूरा नहीं किया। इससे किसान भड़क उठे हैं। किसान आंदोलन से जुड़े संगठन सोमवार को विश्वासघात दिवस मनाने जा रहे हैं।

छत्तीसगढ़ किसान मजदूर महासंघ के संयोजक मंडल सदस्य और अखिल भारतीय क्रांतिकारी किसान सभा के सचिव तेजराम विद्रोही ने कहा, केंद्र सरकार ने किसानों को धोखा दिया है। सरकार का किसान विरोधी रुख इस बात से जाहिर हो जाता है कि केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर के अपने पत्र में किया कोई वादा पूरा नहीं किया है। आंदोलन के दौरान किसानों पर दर्ज केस को तत्काल वापस लेने और शहीद परिवारों को मुआवजा देने के वादे पर पिछले दो सप्ताह में कोई भी कार्रवाई नहीं हुई है। सभी फसलों का न्यूनतम समर्थन मूल्य घोषित करने के मुद्दे पर सरकार ने कमेटी के गठन की कोई घोषणा नहीं की है। इसलिए संयुक्त किसान मोर्चे ने देशभर में किसानों से कहा है, वे 31 जनवरी को विश्वासघात दिवस के जरिए सरकार तक अपनी नाराजगी पहुंचाएं। यह फैसला संयुक्त किसान मोर्चा की 15 जनवरी को आयोजित बैठक में लिया गया था।


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