सुपरटेक को सुप्रीम कोर्ट से राहत, पैसे ले चुके ख़रीदारों के मामले फिर से नहीं खुलेंगे

feature-top

सुप्रीम कोर्ट ने शुक्रवार को नोएडा स्थित सुपरटेक लिमिटेड के एमराल्ड प्रोजेक्ट के खरीदारों और बिल्डर के बीच रिफ़ंड को लेकर हुए समझौतों पर फिर से सुनवाई करने से मना कर दिया है.

जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ और सूर्य कांत की पीठ ने सुपरटेक को निर्देश दिया है कि वो ऐमिकस क्यूरी गौरव अग्रवाल द्वारा तय की गई राशि को 28 फ़रवरी या उससे पहले घर ख़रीदारों को वापस लौटाए.

पीठ ने कहा कि जिन मामलों में होम लोन बकाया हैं, वहां डेवलेपर 31 मार्च या उससे पहले इसे चुकाए और संबंधित बैंकों से एनओसी लेकर घर ख़रीदारों को दे. सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि इस प्रक्रिया को 10 अप्रैल 2022 तक पूरा कर लिया जाए.

पीठ ने कहा कि ऐमिकस क्यूरी द्वारा प्रस्तुत की गई रिपोर्ट से पता लगता है कि कुछ खरीदारों का बिल्डर के साथ रिफ़ंड पर समझौता हो गया है और उन्हें इसके मुताबिक़, भुगतान भी कर दिया है. ऐसे में इन मामलों को फिर से खोलना स्पष्ट रूप से गलत होगा.

ऐमिकस क्यूरी गौरव अग्रवाल ने कोर्ट को बताया, "कुछ घर खरीदारों को पैसे मिल गए हैं. लेकिन उनका मानना है कि उन्हें दूसरों की तुलना में कम राशि मिली है."

इस पर कोर्ट ने कहा, "हमें सबके साथ ईमानदार रहना होगा. हमें डेवलेपर के साथ भी ईमानदार रहना होगा. घर ख़रीदारों ने उनके साथ समझौता किया और अब वे ये नहीं कह सकते हैं कि ऐसा ज़बरदस्ती हुआ."


feature-top