रूस-फ़्रांस बैठक: इमैनुएल मैक्रों ने रूसी कोरोना टेस्ट कराने से क्यों किया इनक़ार

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यूक्रेन संकट के बीच रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन और फ़्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों की मुलाक़ात पर दुनियाभर की नज़र रही.

यूक्रेन पर पसरे तनाव को लेकर दोनों की बीच क़रीब 5 घंटे की बातचीत हुई. इस बीच मैक्रों और पुतिन के बीच जिस ''सोशल डिस्टेंसिंग'' के साथ बैठक हुई थी, उसकी भी ख़ूब चर्चा है. अब क्रेमलिन ने इस बात की पुष्टि कर दी है कि इमैनुएल मैक्रों ने रूसी कोरोना टेस्ट कराने से इनक़ार कर दिया था.

फ़्रांस के एक सूत्र ने मिडिया को बताया कि कोरोना टेस्ट के लिए हेल्थ प्रोटोकॉल की ज़रूरत थी, जो अस्वीकार्य था. साथ ही वो फ़्रांस के राष्ट्रपति के कार्यक्रम के साथ फिट नहीं बैठ रहा था.

रॉयटर्स ने सूत्रों के हवाले से बताया कि कहीं रूस, मैक्रों का डीएनए न हासिल कर ले, इसलिए पीसीआर टेस्ट को मना कर दिया गया. हालांकि, सूत्रों ने ये नहीं बताया कि रूस की ख़ुफ़िया विभाग मैक्रों के डीएनए का कैसे इस्तेमाल कर सकता है.

चार मीटर लंबी मेज के बीच हुई बातचीत

पुतिन और मैक्रों की बैठक सोशल डिस्टेंसिंग प्रोटोकॉल के साथ हुई. दोनों के बीच एक चार मीटर लंबी मेज रखी गई थी और दोनों ने हाथ भी नहीं मिलाया. इस बैठक पर नज़र रखने वाले कुछ जानकार ये भी मान रहे थे कि कहीं ऐसी ''सोशल डिस्टेंसिंग'' रखकर पुतिन कोई डिप्लोमैटिक मैसेज तो नहीं देना चाह रहे.

लेकिन फ़्रांस के सूत्रों ने रॉयटर्स को बताया कि मैक्रों को दो विकल्प दिए गए थे. पुतिन के क़रीब बैठने के लिए रूसी पीसीआर टेस्ट कराना या सख़्त सोशल डिस्टेंसिंग नियम के साथ बैठक करना.

क्रेमलिन की तरफ़ से कहा गया है रूस, फ़्रांस के रुख़ को समझ सकता है और इस वजह से बातचीत को कोई प्रभाव नहीं पड़ा है.


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