चुनावों में राजनीतिक पार्टियों को फ्री के वादे करना पड़ सकता है भारी, सुप्रीम कोर्ट कर सकता है मान्यता रद्द

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चुनाव पास हो तो राजनीतिक पार्टियों के हवा-हवाई वादों की सूची भी लंबी होने लगती है। अब इनके वादों पर लगाम लग सकती है। सही सुना आपने अब राजनीतिक पार्टियों द्वारा किए जाने वाले फ्री के वादों पर लगा लग सकती है। दरअसल, सुप्रीम कोर्ट में एक जनहित याचिका (PIL) दायर की गई है। इस याचिका में केंद्र और चुनाव आयोग को चुनाव घोषणापत्र को विनियमित करने और उसमें किए गए वादों के लिए राजनीतिक दलों की जवाबदेही तय करने के लिए कदम उठाने की मांग की गई है। ये याचिका वकील अश्विनी कुमार ने दायर की है। वकील अश्विनी कुमार द्वारा दायर इस जनहित याचिका में चुनाव आयोग से चुनाव चिन्ह को जब्त करने और चुनावी घोषणापत्र में किए गए वादों को पूरा करने में विफल रहने वाले राजनीतिक दलों की मान्यता को रद्द करने का निर्देश देने की भी मांग की गई है
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