लश्कर, अलकायदा, ISIS… जिसके भी आतंकवाद से जुड़े तार

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एक इस्लामिक संगठन है जमीयत उलेमा-ए-हिंद । इसके राष्ट्रीय अध्यक्ष है- मौलाना सैयद अरशद मदनी। आतंकवाद से जुड़ा कोई भी मामला हो यह कट्टरपंथी संगठन उसमें कूद ही जाता है। इसका ताजा नमूना है 2008 का अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट।

 विशेष अदालत ने 18 फरवरी 2022 को अहमदाबाद सीरियल ब्लास्ट मामले में 38 आतंकियों को फाँसी और 11 को आजीवन कारवास की सजा सुनाई। इस फैसले के बाद आतंकियों के बचाव में खड़ा होने में जमीयत ने देर नहीं की। मदनी ने इस फैसले को ‘अविश्वसनीय’ बताते हुए कहा कि इस फैसले को हाई कोर्ट में चुनौती दी जाएगी। जरूरत हुई तो सुप्रीम कोर्ट तक लड़ाई लड़ी जाएगी।


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