बर्खास्त IAS बाबूलाल अग्रवाल के भाइयों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज

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हाईकोर्ट बिलासपुर ने बर्खास्त सीनियर IAS बाबूलाल अग्रवाल के भाइयों की अग्रिम जमानत याचिका खारिज कर दी है. मनी लांड्रिंग एक्ट की धारा 3 के तहत IAS के भाइयों के खिलाफ ED ने मामला दर्ज किया था. ग्रामीणों के नाम से बिना केवाईसी के लाखों करोड़ों रुपये डालने का आरोप आईएएस के भाईयों पर है.विशेष न्यायालय से याचिका पहले ही खारिज हो चुकी है. जिसके बाद पवन और अशोक अग्रवाल ने हाईकोर्ट में जमानत याचिका लगाई थी. यह मामला जस्टिस पीपी साहू के सिंगल बेंच में लगा था. मनी लांड्रिंग मामले में फरवरी 2010 में छत्तीसगढ़ एंटी करप्शन ब्यूरो में बाबूलाल अग्रवाल और उनके भाइयों पर दर्ज एफआईआर और आयकर विभाग के छापे में सामने आए तथ्यों के आधार पर मनी लांड्रिंग की जांच शुरू किया था. बाद में अग्रवाल परिवार पर सीबीआई ने तीन अन्य मामले दर्ज किए. ED ने कहा कि जांच में यह पता चला कि बाबूलाल अग्रवाल के साथ मिलकर उनके भाइयों अशोक कुमार अग्रवाल, पवन कुमार अग्रवाल और CA सुनील अग्रवाल ने खरोरा और आसपास के गांवाें के करीब 400 लोगों के बैंक खाते खोले थे. इन खातों में इनकी ओर से नकद राशि जमा की गई. आरोप है कि CA सुनील अग्रवाल 13 शेल कंपनियां संचालित कर रहे थे. उसके अलावा कोलकाता और दिल्ली की 26 शेल कंपनीयों के जरिए रुपयों को कई तहों में भ्रष्ट तरीकों से उनकी पारिवारिक कंपनी प्राइम इस्पात की पूंजी और प्राइम शेयर के रूप में इकट्ठा किया गया. बाबूलाल अग्रवाल को 11 नवम्बर 2020 को गिरफ्तार किया गया था. तब से वे न्यायिक हिरासत में हैं.
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