यूपी चुनाव : बैरिया - चौतरफा घमासान में उलझे दिग्गज,

विधायक सुरेंद्र सिंह के वीआईपी से मैदान में उतरने से टिकी सबकी नजर

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बलिया : बैरिया विधानसभा सीट पर दिग्गजों के रणकौशल का इम्तिहान है। यहां घमासान चौतरफा है। इस चतुष्कोणीय रोमांचक जंग में मतदाता असमंजस में हैं। इसकी एक वजह यह भी है कि यहां कदम-कदम पर अलग-अलग बोल हैं। अलग-अलग हवा है। इस सबसे प्रत्याशियों के चेहरों पर भी नतीजों को लेकर आशंका की लकीरें खिंची हुई हैं।

मैदान-ए-जंग की बात हो इससे पहले हमें अतीत के झरोखे में झांकना होगा, ताकि पूरा परिदृश्य स्पष्ट हो सके। सबसे पहले बात 2017 के चुनाव की। इस सीट पर मोदी लहर में सुरेंद्र सिंह ने सपा के जयप्रकाश अंचल को अच्छे-खासे मतों के अंतर से चुनावी दंगल में चित किया था। पर, सियासी समीकरण कुछ ऐसे बदले कि अपने बयानों और विशेष प्रकार की कार्यशैली से अलग पहचान बनाने वाले सुरेंद्र सिंह का टिकट कट गया।

उन्हें यह बात चुभी और वे बगावती तेवर दिखाते हुए विकासशील इंसान पार्टी से चुनाव मैदान में आ डटे। भगवा खेमे ने समीकरणों को साधने के लिए ब्राह्मण चेहरे राज्यमंत्री आनंद स्वरूप शुक्ला को मैदान में उतार दिया। सपा ने इस सीट पर वापसी के लिए अपने पुराने सिपहसालार पूर्व विधायक जयप्रकाश अंचल पर दांव लगाया, तो टिकट के एक और दावेदार सुभाष यादव बसपा से घोषित प्रत्याशी अंगद मिश्रा का टिकट बदलवा कर खुद मैदान में आ डटे। इससे जयप्रकाश के सामने भी स्वजातीय मतदाताओं को संभालने की चुनौती है। कांग्रेस ने युवा चेहरा कुमारी सोनम पर भरोसा जताया है।

क्षत्रिय 80 हजार

यादव 85 हजार

एसी 60 हजार

ब्राह्मण 40 हजार

कोइरी 25 हजार

मुस्लिम 10 हजार

वैश्य 10 हजार

अन्य 37 हजार

2017 का चुनाव परिणाम

सुरेंद्र सिंह, भाजपा, 64,868

जयप्रकाश अंचल, सपा 47,791

जवाहर, बसपा 27,974


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