वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे का निधन, कैंसर से थे पीड़ित

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने भी श्रद्धांजलि अर्पित की

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मध्य प्रदेश के वरिष्ठ पत्रकार और फिल्म समीक्षक जयप्रकाश चौकसे का निधन हो गया है. उन्होंने बुधवार को 83 साल की उम्र में इस दुनिया को अलविदा कहा. जानकारी के मुताबिक वे पिछले काफी समय से कैंसर से पीड़ित थे. लोग उन्हें सिनेमा का एनसाइक्लोपीडिया कहते थे. वे बीते 26 सालों से 'दैनिक भास्कर' में 'परदे के पीछे कॉलम' लिख रहे थे. उन्होंने उपन्यास 'दराबा', 'महात्मा गांधी और सिनेमा' और 'ताज बेकरारी का बयान' भी लिखे. वे अस्पताल में होने के बाद भी कॉलम लिख रहे थे. 'उमाशंकर की कहानी', 'मनुष्य का मस्तिष्क और उसकी अनुकृति कैमरा' और 'कुरुक्षेत्र की कराह' उनकी कहानियां हैं.

मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने वरिष्ठ पत्रकार और फ़िल्म समीक्षक, जयप्रकाश चौकसे जी के निधन पर गहरा शोक प्रकट कर श्रद्धांजलि अर्पित की है। उन्होंने ईश्वर से शोकाकुल परिजनों व उनके पाठकों को संबल प्रदान करने की प्रार्थना की। जय प्रकाश चौकसे की उम्र 83 साल थी. आज बुधवार सुबह सवा 8 बजे के करीब उन्होंने आखिरी सांस ली. जय प्रकाश चौकसे के आखिरी लेख की हेडलाइन कुछ इस प्रकार थी- प्रिय पाठको... यह विदा है, अलविदा नहीं, कभी विचार की बिजली कौंधी तो फिर रूबरू हो सकता हूं, लेकिन संभावनाएं शून्य हैं'. जय प्रकाश चौकसे के जाने से उनके चाहने वाले काफी दुखी हैं. सोशल मीडिया पर जय प्रकाश चौकसे को श्रद्धांजलि दी जा रही है. जानकारी के मुताबिक, शाम 5 बजे उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा. जय प्रकाश चौकसे के छोटे बेटे आदित्य मुंबई में रहते हैं. फिलहाल उनका इंतजार किया जा रहा है. जय प्रकाश चौकसे के कपूर खानदान और सलीम खान के परिवार से बहुत करीबी संबंध थे.


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