दिल्ली में किसानों की बैठक आज, उससे पहले संगठन में पड़ी फूट, 11 ने किया किनारा...

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संयुक्त किसान मोर्चा में जबरदस्त फूट पड़ गई है। पंजाब विधानसभा चुनाव के बाद मुल्लांपुर दाखा के गुरशरण कला भवन में आयोजित मोर्चे की पहली बैठक से 11 संगठनों ने किनारा कर लिया। बैठक में सभी 32 संगठनों को पहुंचने का संदेश भेजा गया था। उसमें से 18 संगठनों के नेता बैठक मे मौजूद रहे। तीन संगठनों ने फोन पर अपनी सहमति दे दी। 

तीन से चार घंटा चली बैठक मे जबरदस्त हो हल्ला मचता रहा और कई मुद्दों पर किसान नेता आपस मे जुबानी तौर पर भिड़ते रहे। इस बैठक मे 14 मार्च को दिल्ली में होने जा रही संयुक्त किसान मोर्चा की राष्ट्र स्तरीय बैठक की तैयारी, समीक्षा और एजेंडा पर विचार विमर्श किया गया। बीकेयू पंजाब के रूलदू सिंह मानसा ने कहा कि लखीमपुर खीरी मे किसानों को कार से कुचलने के मामले में सरकारी गवाहों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है। 

मुख्य आरोपी आशीष मिश्रा को जमानत मिलने के बाद पीड़ित परिवारों और गवाहों की जान को खतरा बढ़ गया है लेकिन सरकार मूकदर्शक बनकर एक और लखीमपुर जैसी घटना का इंतजार कर रही है। केंद्र सरकार ने बेशक तीन कृषि कानून वापस ले लिए पर अन्य सभी वादों से सरकार पीछे हटती नजर आ रही है। मामला बेशक एमएसपी का हो या फिर किसानों की कर्जमाफी का, सरकार सभी वादों से मुकरती नजर आ रही है। किसानों पर दिल्ली और दिल्ली की सीमाओं पर दर्ज मुकदमे भी वापस नहीं लिए जा रहे। खराब मौसम के चलते बर्बाद हुई नरमे की फसल का मुआवजा नहीं दिया जा रहा। गन्ने की फसल मे किये गए 35 रुपये प्रति क्विंटल के इजाफे की रकम किसानों को अब तक नहीं मिल सकी। इस मीटिंग में बीबीएमबी का मामला भी उठाया गया। 

दिल्ली आज 14 मार्च को होने जा रही एसकेएम की बैठक में यह तमाम मुद्दे एजेंडे पर रखे जाएंगे। राष्ट्रीय स्तर के संघर्ष की नई रूप रेखा तय की जाएगी।


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